मंडी में रेत पर उतारा गेहूं तो कमेटी ने आढ़ती को दिया नोटिस
महम अनाज मंडी में गेहूं की आवक बढ़ती जा रही है। गेहूं की आवक पहले की अपेक्षा लगभग तीन से चार गुणा बढ़ रही है।
संवाद सहयोगी, महम : महम अनाज मंडी में गेहूं की आवक बढ़ती जा रही है। गेहूं की आवक पहले की अपेक्षा लगभग तीन से चार गुणा बढ़ रही है। आवक के साथ-साथ खरीद भी बढ़ने लगी है। इस बीच रविवार को मंडी में रेत पर गेहूं उतार दिया गया। जिसको लेकर मार्केट कमेटी सचिव ने आढ़ती को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मार्केट कमेटी के सचिव देवीराम शर्मा ने बताया कि महम मंडी लगभग 25 एकड में बनी हुई है। जिसके कुछ भाग में ही सब्जी मंडी है। बाकि अनाज मंडी के रूप में प्रयोग की जा रही है। मंडी के लगभग भाग को पक्का किया हुआ है उन्होंने बताया कि लगभग 150 से 200 गज जमीन कच्ची है। जिस पर मंडी की ओर से कैंटीन बनाई जानी प्रस्तावित है। उस जगह पर एक आढ़ती ने कार्यालय से अनुमति लेकर ईंटें बिछाई हैं। जिस पर रेत डाला गया है। आढ़ती को सफाई करवाने के बाद ही गेहूं डालने के लिए आदेश दिए थे। लेकिन अचानक आढ़ती के पास गेहूं आ जाने से आनन फानन में ईंटो पर बिछी रेत पर गेहूं डाल दी। मंडी प्रशासन ने रेत में गेहूं डालने पर उसके खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही दोबारा से रेत पर गेहूं मिलने पर आढ़ती का लाइसेंस रद करने की चेतावनी भी दी है।
सचिव का कहना है कि इसके अलावा मडी परिसर में सफाई व्यवस्था सहित तमाम सुविधाएं लगभग ठीक है। वहीं, रविवार को महम मंडी में 25512 क्विटल गेहूं की आवक हुई जबकि हैफेड की ओर से 6515 क्विटल गेहूं की खरीद की गई। रविवार को खरीद कम होने का कारण लेबर की कमी व मंडी में पहुंची गेहूं में नमी की मात्रा अधक होना बताया गया है। उधर, महम मंडी आढ़ती एसोसिएसन के प्रधान वजीर सिंह ने बताया कि मंडी में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। मंडी में पीने का पानी, सफाई व्यवस्था व बिजली व्यवस्था सही व दुरूस्त है। प्रशासन की ओर से मंडी के गेटपास दिए जाने वाले स्थान पर किसानों को धूप में खड़ा होना पडता था लेकिन प्रशासन की ओर से वहां पर भी टैंट की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों का दावा है कि मंडी परिसर में किसानों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की हुई है। मंडी के मुख्य द्वार पर कैंपर रखने के अलावा मंडी कार्यालय गेट के सामने दो वाटर कूलर लगाए गए हैं। भराण रोड की ओर एक प्याऊ बनी हई है। मंडी परिसर में पानी की कोई कमी नहीं है।