कोविड प्रबंधों के लिए गठित की गई विभिन्न कमेटियां : उपायुक्त

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला उपायुक्तों व अन्य प्रशासनिक उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जिले में किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 08:31 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 08:31 AM (IST)
कोविड प्रबंधों के लिए गठित की गई विभिन्न कमेटियां : उपायुक्त
कोविड प्रबंधों के लिए गठित की गई विभिन्न कमेटियां : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, रोहतक : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला उपायुक्तों व अन्य प्रशासनिक उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जिले में किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी दी।

उपायुक्त ने कहा कि जिला में निगरानी समितियां गठित की गई है। ऑक्सीजन व आवश्यक दवाईयों की निगरानी के लिए भी समिति गठित की गई है। इसके अलावा अस्पतालों के ऑडिट के लिए भी निगरानी समिति बनाई गई है। जिला में प्रतिदिन लगभग तीन हजार टैस्ट किये जा रहे है। जिला का रिकवरी रेट 89 फीसद है। जिला में मृत्युदर एवं पॉजिटिविटी दर में कमी दर्ज की गई है। जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट जोन घोषित करने के साथ-साथ गांव को सैनिटाइज करवाया जा रहा है। टेस्टिग के साथ-साथ मरीजों को दवाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। जिला में एंबुलेंस के रेट निर्धारित किए गए है।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं जिला के प्रभारी आनंद मोहन शरण, नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (एसीयूटी) आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, उपमंडलाधीश राकेश कुमार सैनी, मेजर गायत्री अहलावत व श्वेता सुहाग, पीजीआईएमएस के अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह, नगराधीश ज्योति मित्तल, जिला में तैनात एचसीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार, सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला, पीजीआइ की सीएमओ डा. सुषमा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

जिला में 25 टन मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत : आनंद मोहन

- खेल मंत्री संदीप सिंह के समक्ष रखी बात, वीडियो कांफ्रेंस से हुई समीक्षा बैठक

जागरण संवाददाता, रोहतक :

खेल मंत्री संदीप सिंह ने भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिलों में कोविड-19 के प्रबंधों को लेकर समीक्षा की। जिला में तैनात किए गए अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि जिला में कोविड-19 संक्रमण नियंत्रण में है तथा जिला प्रशासन द्वारा इस संक्रमण से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये गये है। उन्होंने कहा कि पीजीआइ में 1100 नॉन कोविड मरीज भी उपचाराधीन है, जिन्हें भी ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। सरकार द्वारा जिला के आक्सीजन कोटा को 23 मीट्रिक टन किया गया है जिसे मौजूदा हालात के मद्देनजर लगभग 15 मीट्रिक टन करवाया जाये तथा ऑक्सीजन के निर्धारित कोटे की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाये ताकि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी न हो।

उन्होंने कहा कि औरंगाबाद की एक कंपनी द्वारा केंद्र सरकार को 150 ऑक्सीजन जनरेटर उपलब्ध करवाये गये है, जिनमें से पीजीआइ सहित जिला को चार ऑक्सीजन जनरेटर उपलब्ध करवाये जाये ताकि ऑक्सीजन की कमी न हो। उन्होंने कहा कि पीजीआइ में लगभग 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध करवाये जाये ताकि ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का अन्य आवश्यक स्थानों पर प्रयोग किया जा सके। अस्पतालों में रोजाना 900 मरीज हो रहे भर्ती : कैप्टन मनोज उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जिला में पीजीआइ के साथ-साथ एक सिविल अस्पताल, छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 15 निजी अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। जिला में प्रतिदिन लगभग 900 कोविड मरीज दाखिल हो रहे है जिनमें से 400 मरीज पीजीआई में तथा अन्य 500 मरीज सिविल अस्पताल व निजी अस्पतालों में दाखिल हो रहे है। जिला में पीजीआइ व शहर को प्रतिदिन लगभग 25 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। रेमडेसिविर व अन्य आवश्यक दवाओं के लिए सीएमओ की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जो मरीजों की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद ही इन दवाओं के प्रयोग के बारे में अपने सुझाव देती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं, एसोसिएशनों एवं औद्योगिक ईकाइयों के सहयोग से आवश्यकता अनुसार जिला में पांच हजार बेड की व्यवस्था की जा सकती है। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (एसीयूटी) आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, उपमंडलाधीश राकेश कुमार सैनी, मेजर गायत्री अहलावत व श्वेता सुहाग, पीजीआइएमएस के अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह, नगराधीश ज्योति मित्तल, जिला में तैनात एचसीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार, सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला, पीजीआइ की सीएमओ डा. सुषमा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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