ट्रक एसोसिएशन का फैसला, लोडिग, अनलोडिग, मुंशियाना नहीं देंगे ट्रक मालिक, माल ढुलाई पर पड़ेगा असर

अरुण शर्मा रोहतक औद्योगिक क्षेत्रों और कारोबारियों के माल ढुलाई से जुड़े ट्रक मालिकों

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:06 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:06 AM (IST)
ट्रक एसोसिएशन का फैसला, लोडिग, अनलोडिग, मुंशियाना नहीं देंगे ट्रक मालिक, माल ढुलाई पर पड़ेगा असर
ट्रक एसोसिएशन का फैसला, लोडिग, अनलोडिग, मुंशियाना नहीं देंगे ट्रक मालिक, माल ढुलाई पर पड़ेगा असर

अरुण शर्मा, रोहतक

औद्योगिक क्षेत्रों और कारोबारियों के माल ढुलाई से जुड़े ट्रक मालिकों ने कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं। हर कदम पर भ्रष्टाचार का शिकार बताते हुए ट्रक एसोसिएशन ने राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लिया है कि लोडिग, अनलोडिग, मुंशियाना और चाय-पानी का किसी भी स्तर पर खर्चा नहीं करेंगे। रोहतक में करीब 12 हजार ट्रक और माल ढुलाई वाले वाहन हैं। कुछ यूनियनों को छोड़कर ज्यादातर ने फैसले पर सहमति जता दी है। फैसले को सख्ती से लागू कराने के लिए दो-तीन दिनों के अंदर प्रदेशस्तरीय बैठक बुलाने का फैसला लिया है।

भारत ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के इस फैसले से ज्यादातर ट्रक एसोसिएशन सहमत हैं। इंडस्ट्रियल माडल टाउनशिप यानी आइएमटी रोहतक, जींद रोड औद्योगिक क्षेत्र, हिसार रोड औद्योगिक क्षेत्र, अनाज मंडी, सब्जी मंडी, चारा मंडी, कपड़ा कारोबार, दवाएं, फल-सब्जियों व गेहूं, खाद-बीज की ढुलाई से जुड़े एसोसिएशन ने सहमति जता दी है। ट्रक एसोसिएशन की एकजुटता और इनके फैसले से टकराव के भी आसार हैं। दरअसल, खर्चों में कटौती के लिए ट्रक मालिकों ने यह फैसला लिया है। इससे कारोबारियों और उद्योगपतियों के भी सीधे तौर से हित जुड़े हुए हैं। विश्वकर्मा ट्रक आटो एसोसिएशन के उप प्रधान मुकेश शर्मा कहते हैं कि आटो मोबाइल एसोसिएशन से करीब 750 ट्रक मालिक व दूसरी एसोसिएशन जुड़ी हैं। हर कदम पर हमारे साथ होने वाली लूट खत्म होगी। यह भी कहा है कि जो भी कारोबारी, उद्यमी, औद्योगिक इकाईयां सहयोग नहीं करेंगी तो हम सभी एकजुट होकर पुलिस को 100 नंबर पर फोन करके शिकायत देंगे। यह भी योजना है कि इस प्रकरण में सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को मांग-पत्र सौंपकर अपने फैसलों से अवगत करा दें।

इस तरह से ट्रक मालिकों से हर कदम पर होती है लूट

रोहतक पब्लिक गुड्स मोटर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राकेश धनखड़ ने बताया कि उदाहरण के तौर रोहतक से दिल्ली तक माल लेकर गाड़ी जाती है। गाड़ी लोड करने जाते हैं तो कह दिया जाता है कि पहले गाड़ी का कांटा यानी वजन कराकर लाओ। कांटा कराने जाते हैं तो अपनी जेब से पैसा देना होता है। इसके बाद गाड़ी लोड करते हैं। लेबर चाय-पानी का खर्चा मांगती है। बिल्टी बनाने के एवज में पैसा देना होता है। जो मुंसी होता है वह भी पैसा मांगता है। इन्होंने बताया कि सीधे तौर से भ्रष्टाचार का मामला है। गाड़ी माल लेकर पहुंचती है तो फिर से कांटे पर वजन किया है। इसका भी पैसा हमें ही देना होता है। माल उतारने के एवज में भी लेबर पैसे मांगती है। लेबर जिनका माल उतारा जाता है उनसे भी पैसे ले लेती है। यदि पैसा नहीं देते हैं तो लेबर माल नहीं उतारती। कई बार अनलोडिग के दौरान संबंधित फर्म या फिर कंपनी भी आठ-दस तक माल नहीं उतारती। इससे ट्रक मालिकों के चालक-परिचालक के वेतन से लेकर दूसरे खर्चे बढ़ जाते हैं। भाड़ा भी इस दौरान नहीं मिलता। कई बार भाड़ा मिलने में भी देरी होती है। वापसी में भी हर कदम पर इसी तरह से पैसे देने पड़ते हैं। दूसरा उदाहरण दिया कि महाराष्ट्र या फिर आंध्र प्रदेश से फल-सब्जियां लाने के दौरान यही खर्चा होता है। सब्जी मंडियों में तीन से चार हजार रुपये तक प्रति वाहन लोडिग और अनलोडिग के पैसे देने होते हैं।

रोहतक से भेजा जाता है खाद, पेंट, कोकाकोला

रोहतक से दूसरे जिलों और बाहरी राज्यों में एशियन पेंट कंपनी से पेंट भी भेजा जाता है। इसके साथ ही रोहतक से बड़े पैमाने पर नट-बोल्ट भेजे जाते हैं। दूसरे जिलों और कई राज्यों में गेहूं, खाद, बीज, बाजरा, सरसों, प्लाई, दवाएं भी भेजी जाती हैं। वहीं, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान से फल और सब्जियां आती हैं। महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश से मक्का पहुंचती है। उत्तर प्रदेश और बिहार से चावल मंगाया जाता है। उत्तर प्रदेश से चीनी, जबकि कपड़ा राजस्थान और गुजरात से रोहतक के अलावा हरियाणा के विभिन्न जिलों में पहुंचता है। इसलिए इस फैसले से माल ढुलाई को लेकर एसोसिएशन का महत्वपूर्ण फैसला है।

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माल ढुलाई से जुड़े प्रत्येक वाहन मालिक को हर कदम पर भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। लंबे रूट पर एक ट्रिप पर लोडिग, अनलोडिग, मुंसियाना, चाय-पानी आदि के खर्चे के बाद 10-12 हजार रुपये अतिरिक्त देने पड़ते हैं। इस फैसले से ट्रक मालिक भ्रष्टाचार का शिकार नहीं होंगे।

राकेश धनखड़, प्रेसीडेंट, रोहतक पब्लिक गुड्स मोटर एसोसिएशन

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आइएमटी की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों से रोजाना सैकड़ों ट्रक माल लेकर बाहरी राज्यों में पहुंचते हैं। पहले लेबर लोडिग व अनलोडिग के दौरान 100-50 रुपये खर्चा मांगा जाता था, अब यही खर्चा 500-1000 रुपये तक बढ़ गया। महंगाई के दौर में हर कदम पर हमसे लूट होती है। इसलिए यह सख्त फैसला लिया है।

जितेंद्र दांगी, प्रधान, द भाईचारा ट्रक एसोसिएशन आइएमटी

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हमारी शुरूआत से ही मांग रही है कि देश में टैक्स के सभी कानून सरल किए जाएं। जब नियम का सरलीकरण हो जाएगा तो भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त हो सकता है। ट्रक एसोसिएशन की व्यथा सही हो सकती है। केंद्र सरकार को कारोबार से जुड़े सभी नियम सरल करने चाहिए।

गुलशन डंग, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन

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ट्रक एसोसिएशन किस आधार पर कह रहे हैं कि उनकी जेब से लोडिग-अनलोडिग का पैसा जाता है। जो भी माल भेजने वाले हैं वही लोडिग का पैसा देते हैं। जहां माल पहुंचता है वह माल खलवाने के लिए अनलोडिग का पैसा देते हैं। रही बात मुंसियाने की खर्चे की तो गलत नहीं करेंगे तो कहीं भी पैसा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एसके खटौड़, प्रेसीडेंट, हिसार रोड औद्योगिक क्षेत्र।

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