सेक्टर-5 में नहीं जल निकासी के इंतजाम, पार्क भी बने तालाब

बरसाती सीजन से पहले सेक्टरों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) के इंतजाम नहीं दिख रहे। सेक्टर-5 में रहने वाले समस्याओं से जूझ रहे हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:48 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:48 AM (IST)
सेक्टर-5 में नहीं जल निकासी के इंतजाम, पार्क भी बने तालाब
सेक्टर-5 में नहीं जल निकासी के इंतजाम, पार्क भी बने तालाब

जागरण संवाददाता, रोहतक : बरसाती सीजन से पहले सेक्टरों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) के इंतजाम नहीं दिख रहे। सेक्टर-5 में रहने वाले समस्याओं से जूझ रहे हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन विकास कार्य नहीं हो रहे। सेक्टर वालों का दावा है कि बरसाती सीजन से पहले अधिकारियों ने जल निकासी को लेकर ठोस रणनीति तत्काल नहीं बनाई तो फिर से लोग जलजमाव से तंग होंगे। सोमवार को इस प्रकरण में सेक्टर वालों ने अधिकारियों से समस्याएं बताने के लिए संबंधित कार्यालय में जाएंगे।

एचएसवीपी के सेक्टर-5 के लोगों ने दावा किया है कि यहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं। सीसीटीवी कैमरे भी नहीं। सुरक्षा की छोड़िए यहां आज तक पार्क विकसित नहीं हो सके। पार्क न होने के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक परेशान रहते हैं। कालोनी वालों ने दावा किया है कि अधिकारियों के पास बार-बार चक्कर काट रहे हैं। फिर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। चेतावनी दी है कि जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो मजबूर होकर आंदोलन का भी फैसला लिया जा सकता है। खाली प्लाट की मिट्टी गायब, सड़कें जर्जर

प्रधान ईश्वर मलिक व उप प्रधान बिजेंद्र सिंह कहते हैं कि जब सेक्टर बसाया गया था तब खाली प्लाट की मिट्टी सड़कों पर डाल दी होगी। इसलिए घरों का निर्माण कराना भी यहां पांच-सात लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करना होता है। क्योंकि मिट्टी का भरत कई मीटर गहराई तक करना पड़ता है। निकट ही कबीर कालोनी से बेसहारा पशु आते हैं। सूअरों के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। घरों में भी घुस आते हैं। सफाई कर्मचारी नगर निगम के आते नहीं, जबकि टैक्स सफाई का भी लिया जाता है। पार्क के नाम पर तालाब, सीवरेज के ढक्कन गायब

बरसाती पानी की निकासी न होने से सेक्टर वालों में नाराजगी है। बरसाती सीजन में खाली प्लाट में ही पानी भर जाता है। यहां पार्क के 25-30 फीट गहरा तालाब नुमा है। इसलिएं खेलना मुश्किल है। सीवरेज लाइन के ढक्कन गायब हैं। इसलिए यहां हादसा होने का भी डर है। सड़कें भी जर्जर हैं। शिकायत के बाद कोई समाधान नहीं हुआ।

वर्जन

हमें तो यह भी बताने में शर्म आने लगी है कि हम सेक्टर में रहते हैं। यहां रात में रिश्तेदार तक नहीं हो सकते। यहां कोई डिस्पेंसरी नहीं। सेक्टर-6 व सेक्टर-5 के बीच में रेलवे क्रासिग पर रास्ता नहीं खुला। कोई बीमार भी हो जाता तो कई किमी बेवजह ही घूमकर जाना होता है। पार्क तक की सुविधा नहीं है।

ईश्वर मलिक, प्रधान, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-5

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सेक्टरों के हालात यह हैं कि जल निकासी के कोई इंतजाम नहीं। सीवरेज लाइन के ढक्कन गायब हैं। सड़कें टूटी पड़ी हैं। पार्क के नाम पर सिर्फ तालाब जैसे गड्ढे हैं। रास्ता तक नहीं आवागमन के लिए। एचएसवीपी के अधिकारी अपनी किश्तें जमा करा लेते हैं। देरी होने पर पेनल्टी लगा दी जाती है।

एडवोकेट बिजेंद्र सिंह, उप प्रधान, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-5

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