तीन वर्ष के बेटे को डेढ़ माह से ठीक से दुलार भी नहीं पाई हैं स्टाफ नर्स शिल्पा
कोरोना महामारी में स्टाफ नर्स शिल्पा कोरोना संक्रमितों को प्राथमिकता देते हुए जज्बे के साथ ड्यूटी कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : महामारी में हमारे बिना काम नहीं चल सकता। हम ही बैठ जाएंगे तो व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। समस्याएं हमारे सामने भी हैं, लेकिन अभी उनको नजरअंदाज करना ही होगा। घरेलू जीवन में भी कुछ बाधाएं आ रही हैं, लेकिन, स्वजनों और सहकर्मियों का विश्वास शक्ति की रतह हमारे साथ रहता है। यह कहना है पीजीआइएमएस की स्टाफ नर्स शिल्पा का। महामारी में काविड ड्यूटी दे रही हैं। 32 वर्षीय शिल्पा एक बच्चे की मां हैं। तीन वर्ष के बेटे वीर को गत डेढ़ माह से ठीक से दुलार तक नहीं सकी हैं। पति सुमित दिल्ली में बैंक में कार्यरत हैं। कोविड की वजह से वह भी डेढ़ माह से घर नहीं आ पाए हैं। परिवार में सास, ससुर, जेठ, जेठानी सहित आठ सदस्य हैं। बेटे को स्वजन संभाल रहे हैं ताकि घर की बहू संक्रमितों की सेवा बगैर किसी चिता के कर सके। मॉड्यूलर आइसीयू में कोविड ड्यूटी देते हुए शिल्पा खुद 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हो गई थी। लेकिन, जज्बा ऐसा कि ठीक होने के बाद फिर से ड्यूटी ज्वाइन की। संक्रमण के दौरान घर पर ही आइसोलेट हो गई। नियमित योग, मेडिकेशन और खानपान से 10 दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आई। पति के बारे में बात करते हुए शिल्पा कहती हैं कि उनके हौसले के पीछे पति का साथ अहम है। दोनों घर से दूर हैं पति से नियमित फोन पर बातचीत होती है। घरवाले भी हौसला बढ़ाते हैं। कोरोना संक्रमितों की सेवा करने को प्राथमिकता देते हुए शिल्पा बखूबी अपनी ड्यूटी कर रही हैं। वे अन्य लोगों से कोरोना नियमों को अपनाते हुए बचाव की अपील भी करती हैं।