रोहतक में मांग से आधी हो रही डीएपी की आपूर्ति

रोहतक में भी डीएपी की किल्लत देखी जा रही है। जिले में डीएपी की आपूर्ति मांग से आधी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:14 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:14 PM (IST)
रोहतक में मांग से आधी हो रही डीएपी की आपूर्ति
रोहतक में मांग से आधी हो रही डीएपी की आपूर्ति

जागरण संवाददाता, रोहतक :

रोहतक में भी डीएपी की किल्लत देखी जा रही है। जिले में डीएपी की आपूर्ति मांग से आधी हो रही है। हालांकि डीएपी की किल्लते को लेकर यहां पर अभी तक कोई धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ है। लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर यह किल्लत आगे भी बनी रही तो गेहूं की बिजाई के समय मुश्किलें बढ़ सकती है। उधर, कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो रोहतक में इस महीने 1500 एमटी डीएपी की मांग है। जिसमें से अभी तक लगभग 750 एमटी डीएपी पहुंचा है। अधिकारियों का दावा है कि रोहतक में 800 एमटी डीएपी रविवार शाम तक पहुंच जाएगा। रोहतक में डीएपी की किल्लत नहीं है बल्कि यहां अभी तक स्थिति सामान्य है। रोहतक में सरसों की बिजाई का क्षेत्र भी ज्यादा नहीं है। यहां पर 25 हजार एकड़ में सरसों की बिजाई का लक्ष्य है। वहीं, कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। करनाल से शुक्रवार को 210 एमटी डीएपी पहुंचा है। डीएपी के बैग सांपला, कलानौर, महम, लाखनमाजरा, खरावड़ व सुनारियां आदि केंद्रों पर पहुंचा दिए गए हैं। वहीं, रविवार शाम तक झज्जर से 800 एमटी डीएपी पहुंच जाएगा। किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इन दिनों किसान बिजाई कार्य में व्यस्त हैं। ऐसे में विभाग की ओर से बीज की दुकानों का औचक निरीक्षण करने की मुहिम शुरू की गई है। टीम की ओर से अब तक रोहतक में अलग अलग स्थानों निरीक्षण कर बीज के कुल 13 सैंपल लिए गए हैं। जिनमें से गेहूं के बीज के 10, सरसों के दो जबकि एक सैंपल बरसिम का भी लिया गया है। सभी सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजे गए है। रोहतक में डीएपी की किल्लत नहीं है बल्कि यहां अभी तक स्थिति सामान्य है। रोहतक में सरसों की बिजाई का क्षेत्र भी ज्यादा नहीं है। यहां पर 25 हजार एकड़ में सरसों की बिजाई का लक्ष्य है। आपूर्ति होने के साथ ही किसानों तक डीएपी पहुंचाया जा रहा है। किसानों को विभाग की ओर से डीएपी की बजाय एसएसपी खाद का प्रयोग करने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।

- डा. इंद्र सिंह, कार्यकारी, जिला कृषि उपनिदेशक, रोहतक ।

chat bot
आपका साथी