गांधी कैंप के दुकानदार बिफरे, वादा खिलाफी के लगाए आरोप

गांधी कैंप के दुकानदारों का गुस्सा एक बार फिर से सामने आया है। वीरवार को दुकानदारों ने बैठक करके वादा खिलाफी के आरोप लगाए। यह भी फैसला लिया है कि हमें छत सहित दुकानें नहीं मिली तो न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी तरह दुकानदार अतिरिक्त ली जाने वाली रकम भी देने से इन्कार कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:21 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:21 AM (IST)
गांधी कैंप के दुकानदार बिफरे, वादा खिलाफी के लगाए आरोप
गांधी कैंप के दुकानदार बिफरे, वादा खिलाफी के लगाए आरोप

जागरण संवाददाता, रोहतक : गांधी कैंप के दुकानदारों का गुस्सा एक बार फिर से सामने आया है। वीरवार को दुकानदारों ने बैठक करके वादा खिलाफी के आरोप लगाए। यह भी फैसला लिया है कि हमें छत सहित दुकानें नहीं मिली तो न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी तरह दुकानदार अतिरिक्त ली जाने वाली रकम भी देने से इन्कार कर दिया है। प्रशासन और सरकार से मांग की है कि हमें बसाने में तत्काल मदद की जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो जल्द ही बड़े आंदोलन का फैसला लेंगे।

गांधी कैंप बाजार में वार्ड-13 की पार्षद कंचन खुराना के प्रतिनिधि एवं पूर्व पार्षद अशोक खुराना, हरिओम नागपाल, जानी मलिक, अंकुर सपड़ा, जयपाल धींगड़ा, पवन सलूजा आदि ने बैठक की। पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। दुकानदार हरिओम नागपाल ने बताया कि जब रेलवे एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य शुरू होने से पहले यही कहा गया था कि पहले बसाया जाएगा तब उजाड़ा जाएगा। लेकिन हमें पहले उजाड़ दिया और अब बसाने की बारी आई तो दबाव बनाकर हमसे रुपये देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। स्थानीय दुकानदार श्याम सुंदर खुराना, मदनलाल बजाज, सुंदरलाल कुरड़ा, पंकज आहूजा, रामधन कुरड़ा, अनिल बिरमानी, सचिन आदि ने बताया कि 33 दुकानदार पिछले करीब दो साल से घर बैठे हैं। दुकानों के ऊपर घर भी थे, लेकिन अब बेवजह तंग किया जा रहा है। कैबिनेट में फैसला होने का दिया हवाला

कैबिनेट में हुए फैसले का हवाला देते हुए स्थानीय दुकानदार हरिओम ने दावा किया है कि बिजली बोर्ड की दुकानों पर 77 हजार 200 रुपये प्रति गज के दाम तय हुए थे। जबकि दुकानदारों से आधी रकम यानी 38 हजार 600 रुपये प्रति गज के हिसाब से रकम जमा करवाने का फैसला हुआ था। इन्होंने बताया कि हमें धोखे में रखकर जमीन ले ली। ढाई लाख रुपये प्रति गज देना कहां तक उचित है। काम धंधा छोड़कर घरों में बैठे हुए हैं। हमारा तो डेढ़-दो साल से उत्पीड़न हो रहा है।

यह प्रमुख मांग रखीं :::

1. पावर हाउस के निकट निर्माणाधीन दुकानें छत सहित दी जाएं, दुकानदारों की जो दुकानें तोड़ी गईं उनका मुआवजा मिले।

2. प्रथम तल के लिए ढाई और द्वितीय तल के लिए दो लाख रुपये प्रति गज रुपये जमा कराने का फैसला वापस हो।

3. दुकानदारों को पहले उजाड़ा और बसाने के नाम पर अतिरिक्त रकम वसूली जा रही है, इसका विरोध जारी रहेगा।

4. कैबिनेट में जो फैसला हुआ था उस पर प्रशासन अमल करे, तत्काल सभी मांगे मानकर समस्या का समाधान हो। वर्जन

हमने नगर निगम हाउस की बैठक में एजेंडा पास कराया था। निगम हाउस की बैठक में पास किए गए एजेंडे को कैबिनेट की बैठक में रखा गया था। कोई वादा खिलाफी नहीं हुई। फिर भी कोई दिक्कत है तो बैठक करेंगे।

राधेश्याम ढल, पार्षद, वार्ड-14

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गांधी कैंप के दुकानदारों की जमीन ली गई। सरकार के नियमों के मुताबिक तो मुआवजा देना चाहिए। हम सरकार और प्रशासन से यही मांग करते हैं कि दुकानदारों को न्याय मिलना चाहिए।

अशोक खुराना, पूर्व पार्षद -----------

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