तूल पकड़ रहा छात्राओं को पुराने जर्जर स्कूल में भेजे जाने का मामला

संवाद सहयोगी कलानौर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं को माडल संस्कृति स्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 06:30 AM (IST)
तूल पकड़ रहा छात्राओं को पुराने जर्जर स्कूल में भेजे जाने का मामला
तूल पकड़ रहा छात्राओं को पुराने जर्जर स्कूल में भेजे जाने का मामला

संवाद सहयोगी, कलानौर :

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं को माडल संस्कृति स्कूल के भवन से उनके पुराने जर्जर स्कूल में भेजे जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। इस संदर्भ में कलानौर के जांगड़ा धर्मशाला में मंगलवार को अभिभावकों की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अभिभावकों के साथ छात्राओं और समाजसेवी संस्थाओ ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में अभिभावकों ने दो टूक कहा कि जब तक लड़कियों के पुराने भवन का निर्माण नहीं होता तब तक माडल संस्कृति स्कूल के भवन में ही छात्राओं को पढ़ाया जाए। अगर शिक्षा विभाग के अधिकारी छात्राओं को को जबरदस्ती माडल स्कूल के भवन से पढ़ने के लिए किसी दूसरे स्कूल में भेजेंगे तो इसे सहन नही किया जाएगा। बैठक के बाद अभिभावकों ने तहसीलदार के मार्फत शिक्षा मंत्री व उपायुक्त के नाम ज्ञापन भी भेजा। हालांकि तहसीलदार की गैरमौजूदगी में अभिभावकों ने कानूनगो कलानौर को ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में अभिभावकों व छात्राओं ने मांग उठाई कि जल्द से जल्द उनके जर्जर स्कूल का पुन: निर्माण किया जाए ताकि उन्हें पढ़ाई में कोई बाधा न आए। बता दें कि दो साल पहले राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलानौर की छात्राएं को स्कूल भवन के अभाव के चलते पुराने बस अड्डे पर स्थित बायज माडल स्कूल के भवन में स्थानांतरित किया गया था। लड़कों व लड़कियों की पढ़ाई अलग अलग दो पारियों में होती थी। सरकार की ओर से इस स्कूल को अब माडल संस्कृति स्कूल घोषित किया गया है। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने पत्र जारी कर छात्राओं को किसी अन्य भवन या पुराने जर्जर भवन में पढ़ाई के लिए भेजने की बात कही है। अभिभावकों का कहना है कि अगर पुराने स्कूल की बिल्डिग जर्जर नहीं थी तो विभाग ने छात्राओं को दो साल पहले बायज माडल स्कूल में स्थानांतरित क्यों किया था। अभिभावकों का कहना है कि छात्राओं के पुराने स्कूल में तो चहारदीवारी के साथ अन्य कोई भी सुविधा नहीं है जब छात्राओ को पढ़ने के अनुकूल वातावरण ही नही मिलेगा तो वो पढ़ाई कैसे कर सकेंगी।

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वर्जन :

सोमवार को रोहतक डिप्टी डीईओ कृष्णा फोगाट के साथ स्कूल को लेकर बातचीत हुई थी। जिसमें उन्होंने अभी फिलहाल पुराने स्कूल की बिल्डिग के कमरों की रिपेयरिग के लिए एस्टीमेट तैयार करने की बात कही है। बृहस्पतिवार को संबंधित विभाग के जेई से रिपेयरिग का बजट तैयार करवा कर आलाधिकारियों को दिया जाएगा।

- देवेंद्र कटारिया, प्रधानाचार्य, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कलानौर ।

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