सदियों पुराना है खरक जाटान गांव का इतिहास, 434 वर्ष पूर्व बसा था गांव

कस्बे से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे महम हलके के गांव खरक जाटान का इतिहास सदियों पुराना है। ग्रामीणों के मुताबिक 434 वर्ष पूर्व यह गांव बसा था। इस गांव में सबसे पहले नरेला दिल्ली से चलकर कहांकौर खत्री आए थे। उनके बाद अनेक जातियों के लोग यहां रहने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:37 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:37 AM (IST)
सदियों पुराना है खरक जाटान गांव का इतिहास, 434 वर्ष पूर्व बसा था गांव
सदियों पुराना है खरक जाटान गांव का इतिहास, 434 वर्ष पूर्व बसा था गांव

अनीता सिंहमार, महम :

कस्बे से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे महम हलके के गांव खरक जाटान का इतिहास सदियों पुराना है। ग्रामीणों के मुताबिक 434 वर्ष पूर्व यह गांव बसा था। इस गांव में सबसे पहले नरेला दिल्ली से चलकर कहांकौर खत्री आए थे। उनके बाद अनेक जातियों के लोग यहां रहने लगे हैं। इस गांव को कबड्डी खिलाड़ियों के लिए भी जाना जाता है। कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विनय खत्री इसी गांव से संबंध रखते हैं। गांव के रिटायर्ड अध्यापक सूरजमल शास्त्री एवं विजय कुमार ने बताया कि इस गांव में सभी जातियों के लोग भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं। ग्रामीण हर सामूहिक कार्य में एक दूसरे का सहयोग करते हैं।

उन्होंने बताया कि विनय खत्री के अलावा कबड्डी खेलने वाले खिलाड़ियों में प्रवीन, राजा पहलवान, संजय शर्मा व बलवान सिंह का नाम लिया जाता है। हाल ही में गांव के अंडर 17 व 19 में यश खत्री व सुधीर खत्री नेशनल गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके हैं। गांव के कैप्टन राजपाल खत्री, अजमेर सिंह व नफे जांगडा गांव का नाम रोशन कर चुके हैं जबकि बिजेंद्र पायलट व नीरज कैप्टन के पद पर रहकर देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। वहीं, गांव की ओर से शमशेर खरक भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता के पद हैं। गांव में ज्ञासन वाल्मिकी स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं।

उन्होंने बताया कि गांव में तीन मंदिर हैं। जिनमें दादा उलहाला मंदिर, शिव मंदिर व रविदास मंदिर शामिल हैं। गांव में सभी गलियां पक्की हैं, एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है, सभी वगों की चौपालें बनी हुई हैं, माडर्न संस्कृति प्राईमरी स्कूल, खेल स्टेडियम व व्यायामशाला बनी हुई हैं। सभी ग्रामीण मिलजुलकर गांव के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।

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