ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए खोले टेंडर, क्रेन से वाहन उठाने वाली फर्म ने लगाई सबसे बड़ी बोली

नगर निगम ने ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए विवाद के बीच टेंडर खोल दिए। फिलहाल शहर से क्रेन के माध्यम से वाहन उठाने वाली फर्म ने टेंडर में सबसे अधिक रकम लगाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:00 AM (IST)
ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए खोले टेंडर, क्रेन से वाहन उठाने वाली फर्म ने लगाई सबसे बड़ी बोली
ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए खोले टेंडर, क्रेन से वाहन उठाने वाली फर्म ने लगाई सबसे बड़ी बोली

जागरण संवाददाता, रोहतक: नगर निगम ने ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए विवाद के बीच टेंडर खोल दिए। फिलहाल शहर से क्रेन के माध्यम से वाहन उठाने वाली फर्म ने टेंडर में सबसे अधिक रकम लगाई है। शर्त के हिसाब से अभी तक संबंधित फर्म को ही बसों के संचालन की अनुमति मिल सकती है। हालांकि चार अन्य फर्म भी बसों के संचालन के लिए मैदान में हैं। एक अन्य फर्म ने शर्त रखी है कि यदि नगर निगम उन्हें 10 साल के लिए बसों के संचालन की अनुमति दे तो जो भी निगम के अधिकारी प्रति बस मासिक शुल्क तय करेंगे उसे वह देने को तैयार हैं।

नगर निगम ने बुधवार को ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए टेंडर किए थे। शुक्रवार को टेंडर खोल दिए गए। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि अभी तक भीष्म शर्मा ने टेंडर में सबसे अधिक मासिक शुल्क देने के लिए तैयार हैं। इन्होंने प्रति बस 15-15 हजार रुपये प्रति माह देने के लिए टेंडर भरा था। जबकि दूसरे नंबर की बोली एवी इंटरप्राइजेज ने लगाई है।

32 सीट वाली बसों में यात्रा करने पर प्रति सवारी 10 रुपये किराया

निगम की शर्त के हिसाब फिलहाल ट्रायल के तौर पर पांच रूट पर पांच बसों का संचालन होगा। करीब तीन माह ट्रायल के बाद करीब 20 बसों का संचालन करना होगा। अभी तक किराया 10 रुपये प्रति सवारी प्रति यात्रा के हिसाब से तय है। हालांकि निगम के मेयर मनमोहन गोयल और आयुक्त प्रदीप गोदारा ही आखिरी फैसला करेंगे। सबसे अधिक मासिक शुल्क देने वाली फर्म के संचालक बोले चलाउंगा बस

टेंडर के माध्यम से बसों के संचालन के लिए सबसे अधिक मासिक शुल्क देने के लिए तैयार भीष्म शर्मा अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इनका कहना है कि मैं बसों का संचालन करने के लिए तैयार हूं। अब नगर निगम के अधिकारी बसों का संचालन करने के लिए अनुमति देंगे कि नहीं इसे लेकर इन्हें इंतजार है। इनका कहना है कि तीन साल के लिए बसों के संचालन की अनुमति मिलेगी। बस ईको फ्रेंडली यानी कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस(सीएनजी) से संचालित होंगी। दूसरी सबसे बड़ी रकम लगाने वाले बोले, हमें दिया जाए 10 साल के काम

टेंडर के माध्यम से बसों के संचालन के लिए दूसरे नंबर पर सबसे अधिक रकम लगाने वाली फर्म एवी इंटरप्राइजेज से जुड़े अजय हुड्डा ने कहा कि मैं प्रति बस प्रति माह ग्यारह हजार ग्यारह सौ ग्यारह रुपये देने के लिए तैयार हूं। इस प्रकरण में इन्होंने टेंडर खुलने से पहले भी निगम के अधिकारियों के नाम पत्र लिखा था। इन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि यदि नगर निगम मुझे 10 साल के लिए काम सौंपता है तो मैं नगर निगम के मनमुताबिक प्रति माह प्रति बस शुल्क देने के लिए तैयार हूं। इन्होंने बताया कि एक बस करीब 30-35 लाख रुपये की आएगी। तीन साल के लिए बैंक भी लोन नहीं देते हैं। इसलिए निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा है। ईको फ्रेंडली बसों के संचालन के लिए टेंडर किए गए हैं। पांच एजेंसियों ने टेंडरिग की प्रक्रिया में भाग लिया था। एक फर्म प्रति माह प्रति बस 15-15 हजार रुपये देने के लिए राजी है। अब आखिरी फैसला उच्चाधिकारियों को लेना है।

सुरेंद्र गोयल, भूमि अधिकारी, नगर निगम

नगर निगम के अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया। नगर निगम ने मेरी तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस का भी जवाब नहीं दिया। लीगल नोटिस के बावजूद मेरा टेंडर रद कर दिया, जबकि मैंने टेंडर रद न करने की मांग की थी। इसलिए मैं कोर्ट जाउंगा। मुझे कोर्ट से ही न्याय मिलने की उम्मीद है।

डा. राजपाल देशवाल, प्रधान, जन उत्थान संघ

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