कर अधिवक्ता व विशेषज्ञ रहेंगे 29 को हड़ताल पर
छोटे और मझोले करदाताओं को खरीद-फरोख्त रिकवरी बैंक लोन अकाउंटिग टैक्स लॉ की पूर्ति जैसे काम खुद करने पड़ते हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक: छोटे और मझोले करदाताओं को खरीद-फरोख्त, रिकवरी, बैंक लोन, अकाउंटिग, टैक्स लॉ की पूर्ति जैसे काम खुद करने पड़ते हैं। पिछले तीन से पांच वर्षों में कर कानूनों के तहत प्रावधान अधिक से अधिक कठोर और दमनकारी हो गए हैं। ई-गवर्नेंस और शक्तियों के बावजूद कर विभाग कर चोरी को रोकने में सरकार विफल रही है। तकनीकी तौर से त्रुटियां आज तक दूर नहीं हो सकीं। करों के सरलीकरण के बजाय दुविधाएं बढ़ गई हैं। अधिवक्ताओं, कर विशेषज्ञों को होने वाली परेशानियों से निजात पाने की मांग को लेकर 29 जनवरी को हड़ताल पर रहेंगे।
सोनीपत स्टैंड स्थित धोबीघाट मार्केट के जीएसटी एवं इनकम टैक्स अधिवक्ता अशोक जांगड़ा ने बताया हर साल सरकार ईमानदार करदाताओं पर जटिल प्रावधानों और अनुपालन का बोझ लगाती है। छोटे, मझोले ईमानदार व्यापारियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जिनसे निपटना सामान्य क्षमता से परे हो गया है। कुछ रिटर्न और टैक्स पेमेंट मासिक है और कुछ तिमाही। जीएसटी कानून रिटर्न में सुधार या संशोधन की अनुमति नहीं देता है। वास्तविक और अनजाने में गलती का कोई बहाना नहीं। इससे तनाव बढ़ रहा है। अधिवक्ताओं से लेकर व्यापारी, उद्यमी, कर विशेषज्ञ तक परेशान हैं। इसलिए सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अधिवक्ता व करों से जुड़े सभी विशेषज्ञ जैसे सीए, अकाउंटेंट, अधिवक्ता व अन्य सरकार का विरोध करेंगे। इन्होंने बताया कि त्रुटियों को दूर कराने और जीएसटी के 2017 से लागू होने के बावजूद इसमें तकनीकी सुधार की मांग को लेकर भी प्रदर्शन होगा। हड़ताल वाले दिन सभी कर सलाहकार, चार्टर्ड एकाउंटेंट काली पट्टियां बांधकर काम करेंगे। साथ ही अपने कार्य स्थलों के पास प्लेकार्ड और बैनर के प्रदर्शन के माध्यम से अपनी नाराजगी भी व्यक्त करेंगे।