बाल संरक्षण संस्थाओं में बच्चों के लिए करें संक्रमण से बचाव के सभी संभव उपाय

कोविड-19 को ²ष्टिगत रखते हुए डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि कोविड-19 के संक्रमण से बचा जा सके। उपायुक्त के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बाल देखरेख संस्थानों में रह रहे बच्चों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए उपायों एवं सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:13 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:13 AM (IST)
बाल संरक्षण संस्थाओं में बच्चों के लिए करें संक्रमण से बचाव के सभी संभव उपाय
बाल संरक्षण संस्थाओं में बच्चों के लिए करें संक्रमण से बचाव के सभी संभव उपाय

जागरण संवाददाता, रोहतक : कोविड-19 को ²ष्टिगत रखते हुए डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि कोविड-19 के संक्रमण से बचा जा सके। उपायुक्त के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बाल देखरेख संस्थानों में रह रहे बच्चों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए उपायों एवं सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श किया गया।

नोडल अधिकारी राहुल मितल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त वार्ड में मनोरंजन की पर्याप्त सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएं ताकि इस दौरान बच्चों का मन कहीं ओर न जाकर मनोरजंन क्रियाओं मे लगाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी संस्थाओं में दवाईयां भी प्रदान करने बारे कहा गया। स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ से संस्थाओं के लिए तीन-तीन आक्सीजन सिलेंडर भेजने की बात भी कही गई। यदि किसी भी बच्चे की देखरेख करने वाला कोई नहीं है वह चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन करके अपनी सुरक्षा की मांग कर सकता है।

हर बाल संस्थान में कोविड वार्ड तैयार

बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी बिमलेश कुमारी ने बताया कि जिले में कुल तीन बाल देखरेख संस्थाओं में कुल 70 बच्चे रह रहे हैं, जिनमें से 7 लड़कियां 18 वर्ष से कम उम्र की जगन्नाथ आश्रम बाल भवन में रह रही हैं। प्रत्येक सस्थान का साप्ताहिक निरीक्षण अधिकारियों की ओर से किया जाता है। सभी संस्थाओं में कोरोना महामारी को देखते हुए बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्ण रूप से रोक दिया गया है। हर संस्थान में एक कोविड वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें बच्चों की संख्या के अनुसार बैड लगाए गए हैं।

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