सर्वे आफ इंडिया ने दोबारा से मांगा डाटा, तीन गांव में दोबारा से होगा ड्रोन फ्लाइंग का कार्य

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के वित्त आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने जिले के तीन गांव में स्वामित्व योजना के तहत पुन ड्रोन फ्लाइंग का कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:49 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:49 AM (IST)
सर्वे आफ इंडिया ने दोबारा से मांगा डाटा, तीन गांव में दोबारा से होगा ड्रोन फ्लाइंग का कार्य
सर्वे आफ इंडिया ने दोबारा से मांगा डाटा, तीन गांव में दोबारा से होगा ड्रोन फ्लाइंग का कार्य

जागरण संवाददाता, रोहतक : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के वित्त आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने जिले के तीन गांव में स्वामित्व योजना के तहत पुन: ड्रोन फ्लाइंग का कार्य करने के निर्देश दिए हैं। संजीव कौशल शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्व अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। गांव किलोई खास, किलोई दोपाना व खरखड़ा में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य दोबारा से करवाया जाएगा।

तीनों गांव में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य हो चुका था, लेकिन सर्वे आफ इंडिया ने इन गांव का डाटा दोबारा से मांगा है। इसलिए इन तीनों गांव में दोबारा से ड्रोन फ्लाइंग का कार्य करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम व नगर परिषद के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वामित्व योजना के तहत रजिस्ट्री कराने के कार्य पर विशेष फोकस किया जाए। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। ड्रोन फ्लाइंग का कार्य पूरा होने के बाद पहला नक्शा तैयार किया जाता है और उसमें लाल डोरे की पहचान की जाती है। नक्शे में संबंधित प्रापर्टी की आईडी को बनाया जाता है। इसके बाद एट्रीब्यूट कलेक्शन का कार्य किया जाता है और यह कार्य करने के बाद डाटा सर्वे आफ इंडिया को प्रेषित कर दिया जाता है। सर्वे आफ इंडिया प्रापर्टी कोड लगाएगी और नक्शे होंगे प्रेषित

संजीव कौशल ने बताया कि सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से प्रापर्टी कोड लगाने के बाद नक्शे को प्रेषित किया जाता है। इसके उपरांत सर्वे करके संबंधित व्यक्ति को मालिकाना हक दिलाने के लिए संबंधित संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली सभी सार्वजनिक संपत्तियों की पहचान 30 जून तक करने के निर्देश दिए हैं ताकि ऐसी सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री संबंधित ग्राम पंचायत के नाम करवाई जा सके। वीडियो कांफ्रेंस में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी महेश कुमार, जिला राजस्व अधिकारी पूनम बब्बर व खंड विकास अधिकारी राजपाल चहल मौजूद रहे। गांवों में ड्रोन से कराई जाती है मैपिग

कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि योजना के तहत गांवों की ड्रोन की मदद से मैपिग करवाई जाती है। नक्शा तैयार होने के बाद ग्रामीण इलाकों में रिहायशी घरों के मालिकों को उनके घर के मालिकाना हक का आधिकारिक दस्तावेज दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना से जमीन विवाद खत्म होने लगे हैं। संबंधित लोगों को इस संपत्ति के आधार पर बैंको से लोन लेने में भी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना हमारे गांवों की दशा-दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली योजना है। जिला उपायुक्त ने यह भी कहा कि संबंधित योजना पर जिले में गंभीरता से कार्य कराया जा रहा है।

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