आंदोलनरत किसानों को राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन में दिया समर्थन

कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाताओं के समर्थन में अब राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन भी आ गया है। संगठन के पदाधिकारियों के साथ शुक्रवार को किसानों को समर्थन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:21 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:21 AM (IST)
आंदोलनरत किसानों को राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन में दिया समर्थन
आंदोलनरत किसानों को राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन में दिया समर्थन

जागरण संवाददाता, रोहतक : कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाताओं के समर्थन में अब राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन भी आ गया है। संगठन के पदाधिकारियों के साथ शुक्रवार को किसानों को समर्थन देने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने धरनारत किसानों से मुलाकात कर उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कृषि कानून न सिर्फ किसानों को बल्कि यह मजदूर, आढ़तियों व छोटे व्यापारियों के लिए भी काला कानून है। इस कानून को लागू कर मोदी सरकार ने तीनों वर्गों की कमर तोड़ पूंजीवादियों का गुलाम बनाने का प्रयास किया है।

प्रदेश अध्यक्ष डंग ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर तुरंत प्रभाव से इस कानून को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से चल रही मंडी व्यवस्था को ध्वस्त करने का परिणाम हम बिहार राज्य में देख चुके हैं। वहां के किसान आज दूसरे राज्यों के मजदूर बन चुके हैं और अब केंद्र सरकार हरियाणा व पंजाब जैसे समृद्ध मंडी सिस्टम को भी इस कानून के जरिए खत्म कर किसानों को उनकी ही जमीन पर पूंजीवादी ताकतों का गुलाम बनाना चाहती है। जिसे किसी भी रूप से स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। गुलशन डंग ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों का भला करना चाहती है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लिखित रूप से इस कानून में क्यों नहीं जोड़ना चाहती। इतना ही नहीं मंडी के बाहर कम दाम पर फसल खरीद करने वालों को सजा के प्रावधान से अलग करना साफ दर्शाता है कि केंद्र सरकार ने किसके फायदे के लिए ये कानून लागू किया है। गुलशन डंग ने कहा कि अपने हकों के लिए आवाज उठाना और आंदोलन करना ही लोकतंत्र की बुनियाद है लेकिन ये दु:ख की बात है कि आज शांतिपूर्ण आंदोलनों को भी मोदी सरकार हिसक तरीकों से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघ विचारधारा को छोड़कर लोकतंत्र के रास्ते पर आते हुए जल्द से जल्द अपनी गलती का सुधार और धरतीपुत्रों का मान रखते हुए इस काले कानून को वापिस ले। अशोक बुवानीवाला ने कहा कि अन्नदाताओं को उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित गारंटी दें। अग्रवाल वैश्य समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं क्षेत्र की अनेक सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले श्रीनिवास गुप्ता ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि ये देश मेहनतकश वर्ग को मुठ्ठीभर राजघरानों की जागीर बनाना सरासर गलत है। ये कानून सीधे रूप से किसान विरोधी है। कृषि को अभी तक कॉरपोरेट घरानों से काफी हद तक मुक्त समझा जा सकता था लेकिन इस कानून के तहत किसानों की जमीन कब्जाने का सीधा प्रयास होगा।

इस मौके पर सतनारायण अग्रवाल, प्रेम गर्ग, सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक राजकुमार मग्गू सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन, प्रदेश प्रवक्ता साहिल मग्गू, किशन लाल शर्मा, शहरी प्रधान सुमित सोनी, देवराज महता, प्रदेश उपाध्यक्ष किशन लाल शर्मा, जितेंद्र कपूर सहित संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

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