कालोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति, लोगों की नाराजगी आई सामने

शहरी क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति से लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। लोगों का गुस्सा इस बात से है कि कोविड काल में संक्रमित परिवार घर से बाहर नहीं निकल सकता।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 05:19 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:19 AM (IST)
कालोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति, लोगों की नाराजगी आई सामने
कालोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति, लोगों की नाराजगी आई सामने

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति से लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। लोगों का गुस्सा इस बात से है कि कोविड काल में संक्रमित परिवार घर से बाहर नहीं निकल सकता। अब पानी की किल्लत के साथ ही दूषित पानी की आपूर्ति ने बुरे हालात खड़े कर दिए हैं। फिलहाल पार्षदों की नाराजगी भी सामने आ रही है। लोगों का दावा है कि इतना दूषित पानी आ रहा है कि कुल्ला तक नहीं कर सकते। अधिकारी सुनवाई के बजाय आपस में एक-दूसरे को बचाने में जुटे हुए हैं।

वार्ड-16 की पार्षद डिपल जैन के प्रतिनिधि अमित कुमार जोजी ने नाराजगी जताई कि जनता कालोनी स्थित मिलाप नगर पीने का पानी इतना गंदा आ रहा है कि उस पानी से लोग कुल्ला भी नहीं आ सकते हैं। कालोनी के लोग परेशान हैं। अधिकारी तीन टैंकर भेजने की बात कहकर तीन दिनों बाद एक भी टैंकर नहीं भेज सके। इन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक अधिकारी से दूसरे से शिकायत करते हैं तो फोन ही नहीं उठाते। बार-बार शिकायतों का कोई हल नहीं हो रहा। वहीं, गांधी कैंप निवासी पवन सलूजा ने बताया कि गांधी कैंप में पिछले 10-15 दिनों से शाम को पानी नहीं आता सिर्फ सुबह आता है। वह भी सुबह पांच बजे थोड़ी देर के लिए। दूसरी ओर, शुक्रवार को सेक्टर-1 के जलघर से सुबह के वक्त ही पानी की आपूर्ति हुई। इससे स्थानीय सेक्टर वालों की नाराजगी सामने आई। सेक्टर वालों ने कहा कोई सुनने वाला नहीं हैं। वर्जन

जेएलएन नहर से पानी की आपूर्ति होने लगेगी। रविवार से हम कोशिश करेंगे कि शहर में दोनों वक्त पानी की आपूर्ति शुरू कर दें। शहरी जनता को पानी की परेशानी का सामना नहीं करना होगा।

भानु प्रकाश, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग

--

बार-बार अधिकारियों को फोन लगा रहे हैं। जिन कालोनियों में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है वहां टैंकर भेजने का आश्वासन मिला था। तीन दिन बाद भी कोई टैंकर नहीं भेजा गया। अधिकारी एक-दूसरे पर टाल देते हैं। शिकायत करते हैं तो कोई फोन नहीं उठाता। अधिकारियों का रवैया ऐसा है कि जनता को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

डिपल जैन, पार्षद, वार्ड-16

chat bot
आपका साथी