फड़ी वालों के लिए जल्द चिह्नित होंगे स्थान, पटाखों की बिक्री के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन जरूरी

त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाजारों पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है। डीसी ने सभी अस्थाई पार्किग में वाहनों को खड़ा कराने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 08:02 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 08:02 AM (IST)
फड़ी वालों के लिए जल्द चिह्नित होंगे स्थान, पटाखों की बिक्री के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन जरूरी
फड़ी वालों के लिए जल्द चिह्नित होंगे स्थान, पटाखों की बिक्री के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन जरूरी

जागरण संवाददाता, रोहतक : त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाजारों पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है। डीसी ने सभी अस्थाई पार्किग में वाहनों को खड़ा कराने के आदेश दिए हैं। यह भी कहा है कि त्योहारी सीजन में बाजारों में फड़ी और स्टॉल लगाने वालों को शहर में खाली पड़े स्थानों पर बैठने के लिए जगह चिह्नित करेंगे। वहीं, पटाखा कारोबारियों को पटाखे बेचने के लिए स्थान निर्धारित किए जाएंगे। एसडीएम कार्यालय में आवेदन करने होंगे।

डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि त्योहार के अवसर पर बाजारों में भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए गए है। शहर के सभी क्षेत्रों में अस्थाई पार्किग बनाई गई है ताकि वाहन बाजारों में प्रवेश न करें। लोगों की सराहना करते हुए कहा कि रामलीला व रावण दहन से लोगों ने परहेज किया है और सांकेतिक रूप से ही इस त्योहार को मनाया है। दीपावली के पवित्र पर्व के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध किए गए है ताकि बाजारों में अनावश्यक भीड़ एकत्रित न हो। पटाखा बिक्री के लिए स्थान चिन्हित किए गए है। पटाखा बिक्री के लाइसेंस के इच्छुक विक्रेता संबंधित उपमण्डलाधीश के कार्यालय में आवेदन कर सकते है। इस दौरान कोविड-19 की हिदायतों को ध्यान में रखा जाएगा। फड़ी लगाने वाले लोगों के लिए स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं ताकि गरीब लोगों की दाल रोटी भी चलती रहे। लोगों को इस बारे में अपनी सोच भी बदलनी होगी। रेहड़ी वाले एक स्थान पर रहने की बजाए घूम कर सामान बेचते है।

परिवार पहचान-पत्र बनवाने में सहयोग करें लोग

उपायुक्त का कहना है कि विकास परक योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिल सके, इसके लिए लोगों से सहयोग मांगा है। डीसी ने बताया कि परिवार पहचान-पत्र का कार्य एडीसी महेंद्रपाल की निगरानी में हो रहा है। पहचान-पत्र का मकसद बताते हुए कहा कि ई-गवर्नेंस युग में सबसे जरूरी है कि आखिरी व्यक्ति तक सुविधाएं बेहतर तरीके से मिलें। वहीं, लाल डोरे वाली जमीनों पर मालिकाना हक से संबंधित ड्रोन से मैपिग आदि का कार्य हो चुका है।

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