सेक्टर-3 वालों का आरोप, कितने एकड़ पर एन्हांसमेंट नहीं बता रहे अधिकारी, कोर्ट में पहुंचा मामला

एन्हांसमेंट से प्रभावित सेक्टरों के प्लाट मालिकों ने एक बार फिर से एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एन्हांसमेंट के नाम पर मानसिक और आर्थिक शोषण के आरोप लगाते हुए प्लाट मालिक कोर्ट में चले गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 07:50 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 07:50 PM (IST)
सेक्टर-3 वालों का आरोप, कितने एकड़ पर एन्हांसमेंट नहीं बता रहे अधिकारी, कोर्ट में पहुंचा मामला
सेक्टर-3 वालों का आरोप, कितने एकड़ पर एन्हांसमेंट नहीं बता रहे अधिकारी, कोर्ट में पहुंचा मामला

जागरण संवाददाता, रोहतक: एन्हांसमेंट से प्रभावित सेक्टरों के प्लाट मालिकों ने एक बार फिर से एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एन्हांसमेंट के नाम पर मानसिक और आर्थिक शोषण के आरोप लगाते हुए प्लाट मालिक कोर्ट में चले गए हैं। आरोप लगाए हैं कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। मगर अधिकारी यह जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि सेक्टर-3 में कितने जमीन पर एन्हांसमेंट आई है। जब तक एन्हांसमेंट कितने जमीन, किले और मुरबा नंबर सही नहीं मिल सकते तब तक सही गणना नहीं हो सकी।

सेक्टर-3 निवासी उमेद सिंह ने बताया कि साल 2017 में प्लाट मालिकों को नोटिस दिए गए थे। ठीक आठ साल बाद एन्हांसमेंट के नोटिस दिए गए थे और ब्याज भी थोप दिया गया। छह बार गणना हुई, लेकिन हर बार खामियां छोड़ दी गईं। न्याय के लिए बार-बार चक्कर काटे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इन्होंने बताया कि 24 मार्च 2017 में 232.07 एकड़ जमीन की एन्हांसमेंट के नोटिस भेजे। इस दौरान कुल 317.38 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से एन्हांसमेंट जमा कराने के लिए प्लाट मालिकों को नोटिस दिए गए थे। उम्मेद कहते हैं कि इस प्रकरण में आरटीआइ लगाई तो अधिकारियों एचएसवीपी के संपदा कार्यालय ने 202.99 एकड़ जमीन पर एन्हांसमेंट आने का दावा किया गया था। हालांकि आपत्ति के बाद 201.61 एकड़ जमीन पर 335.76 रुपये के हिसाब से नोटिस जारी किए गए थे। सेक्टर वालों ने विरोध किया तो नोटिस वितरण तक का काम रोक दिया गया।

महज 111.79 रुपये प्रति मीटर ही एन्हांसमेंट होनी चाहिए

उमेद सिंह का दावा है कि एन्हांसमेंट में कई खामियां हैं। हमारी तरफ से जो भी गणना की गई है, उसका ब्योरा हर बार संपदा कार्यालय को दे दी गई है। फिर भी राहत नहीं दी। दावा किया है कि गुपचुप तरीके से बीते साल मार्च में सेक्टर-3 की एसोसिएशन को बुलाकर 347.62 रुपये प्रति मीटर एन्हांसमेंट थोप दी। इन्होंने यह भी शिकायत की है कि एचएसवीपी मुख्यालय स्तर से सीए स्तर से रिपोर्ट तैयार हुई थी, उसमें 123 रुपये तक ही एन्हांसमेंट होने की बात सामने आई थी। लेकिन एचएसवीपी ने उस रिपोर्ट को लागू नहीं किया।

मुख्य रोड की एन्हांसमेंट भी प्लाट मालिकों पर थोपी

सेक्टरों के प्लाट मालिकों का कहना है कि सेक्टर-3 और सनसिटी के बीच वाले रास्ते पर 48.64 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। मगर संबंधित जमीन की एन्हांसमेंट भी प्लाट मालिकों के ऊपर थोप दिया गया। हालांकि बाद में 24.24 एकड़ जमीन की एन्हांसमेंट बाद में कम कर दी। इसके अलावा सेक्टर-4 और सेक्टर-3 वाले डिवाडिग रोड की 18 एकड़ जमीन की एन्हांसमेंट का बोझ सेक्टर वालों पर बढ़ा दिया। सरकार ने निकाली राहत की योजना, फिर भी फायदा नहीं

सेक्टर वालों का कहना है कि सरकार ने सबसे पहले कुल एन्हांसमेंट जमा कराने पर 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई थी। इसके बाद 37 प्रतिशत और इसके बाद भी सरकार ने राहत दी। लेकिन सेक्टर वालों को सही गणना न होने के कारण एन्हांसमेंट की राहत का फायदा नहीं मिल सका। यह भी बताया कि 20 सितंबर 2018 को तीन जजों के पैनल ने रिपोर्ट दी। जजों ने राहत देने के लिए सिफारिश की थी। फिर भी एचएसवीपी के अधिकारी राहत देने के बजाय पक्षपात वाला रवैया अपना रहे।

एन्हांसमेंट को लेकर हमारे स्तर से कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। यदि सरकार का कोई नया फैसला आएगा तो इस प्रकरण में कुछ नया होगा। अब मुख्यालय स्तर से ही इस प्रकरण में कोई राहत या फिर फैसला होगा। जो निर्देश सरकार से होंगे उसी हिसाब से आगामी फैसला लेंगे।

श्वेता सुहाग, संपदा अधिकारी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण

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जब तक सेक्टर-3 कितने एकड़ जमीन पर एन्हांसमेंट आई है यह जानकारी नहीं मिलती तब तक सही गणना नहीं हो सकती। इसलिए न्याय पाने के लिए कोर्ट में गए हैं। मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। अब उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।

उमेद सिंह, निवासी, सेक्टर-3

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