कोयले के वेस्ट में उगा रहे गुलाब, दूर दूर तक पहुंचा रहे खुशबू
मानसून की बरसात का सीजन शुरू होने वाला है। इस सीजन में अधिक से अधिक संख्या में अच्छे पौधे लाने पर फोकस किया जा रहा है। अच्छे पौधों में से एक गुलाब का पौधा भी ऐसा है जिसके फूल हर किसी को आकर्षित करते हैं।
रतन चंदेल, रोहतक :
मानसून की बरसात का सीजन शुरू होने वाला है। इस सीजन में अधिक से अधिक संख्या में अच्छे पौधे लाने पर फोकस किया जा रहा है। अच्छे पौधों में से एक गुलाब का पौधा भी ऐसा है जिसके फूल हर किसी को आकर्षित करते हैं। रोहतक के प्रेम नगर में रहने वाले सतीश सैनी को गुलाब की विभिन्न प्रजातियों को तैयार करने का जुनून है। वे मिट्टी की बजाय कोयले के वेस्ट में गुलाब उगा रहे हैं। वे अन्य युवाओं को भी साथ जोड़कर गुलाब की खुशबू को दूर दूर तक पहुंचा रहे हैं। युवाओं को गुलाब व अन्य किस्मों के पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।
सतीश का दावा है कि उन्होंने गुलाब की 150 से अधिक किस्मों के पौधे लगाए हैं। गुलाब पर उनके कार्याें को लेकर संस्थाओं की ओर से उनको सम्मानित भी किया जा चुका है।
सतीश के अनुसार वे 15 साल से गुलाब की अलग अलग प्रजातियों को तैयार करने में लगे हुए हैं। गुलाब की अलग अलग प्रजातियां तैयार करना उनका जुनून है। अब तक 150 से अधिक प्रजातियां उन्होंने तैयार की है। स्नातक पास सतीश अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को गुलाब व पौधरोपण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। सतीश बताते हैं कि रोहतक में ज्यादातर किसान बागवानी से दूर हैं। जबकि बागवानी के तहत आने वाली गुलाब के फूलों की खेती कर किसान अपनी आमदनी को दोगुने से भी ज्यादा कर सकते हैं। ऐसे में गुलाब की अलग अलग प्रजातियां तैयार करने के लिए 15 साल पहले उन्होंने काम शुरू किया था। उन्होंने बताया कि एमडीयू में लगाए गए गुलाब मेले में उनको सम्मानित भी किया जा चुका है।
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एक पौधे पर अनेक रंगों के गुलाब :
सतीश के मुताबिक उनके लगाए एक ही पौधे पर अलग अलग तरह के अनेक रंगों के गुलाब भी लगते हैं। उनका दावा है कि उनके पास गुलाब की अनेक प्रताजियां ऐसी हैं जो आसपास कहीं नहीं मिलेगी। वे गुलाब की प्रजातियों को लेकर प्रयोग भी करते रहते हैं। इंडियन रोड फेडरेशन के सदस्य सतीश का कहना है कि रोहतक में एक ऐसा रोज गार्डन तैयार किया जा सकता है, जो नोर्थ इंडिया में कही और नहीं होगा। इसको लेकर अभी विचार किया जा रहा है। अगर प्रशासन सहयोग करते तो वे ऐसा रोज गार्डन बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
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गुलाब की बेहतरीन किस्में तैयार :
उन्होंने गुलाब की दुनिया की बेहतरीन किस्में तैयार की है। गुलाब विभिन्न प्रजातियों को लेकर वे दिल्ली में भी मेडल जीत चुके हैं। उनके साथ जुड़े युवाओं को वे अब जागरूक कर रहे हैं। उनको पौधे भी गिफ्ट किए हैं। वे गुलाब के पौधों में सामान्य मिट्टी का प्रयोग नहीं करते हैं। बल्कि कोयले से वेस्ट पदार्थ को मिट्टी के रूप में प्रयोग करते हैं।