फसल अवशेषों को भूमि में मिलाकर बढ़ाएं उर्वरा शक्ति : उपायुक्त

धान की फसल के अवशेषों को आग न लगाएं बल्कि इन अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने किसानों से यह आह्वान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 08:00 AM (IST)
फसल अवशेषों को भूमि में मिलाकर बढ़ाएं उर्वरा शक्ति : उपायुक्त
फसल अवशेषों को भूमि में मिलाकर बढ़ाएं उर्वरा शक्ति : उपायुक्त

जासं, रोहतक : धान की फसल के अवशेषों को आग न लगाएं बल्कि इन अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने किसानों से यह आह्वान किया है।

किसान धान की फसल काटने के पश्चात उसके अवशेषों को खेत में जला देते है, जो किसी भी सूरत में फायदेमंद नहीं है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है और किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। फसल के अवशेष जलाने से निकलने वाला धुंआ मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए भी अत्यंत हानिकारक है। जिला प्रशासन की ओर से फसल अवशेषों को आग लगाने से रोकने के लिए कमेटी गठित की गई है, जो औचक निरीक्षण कर रही है। किसानों को भी फसल अवशेष न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। किसानों को सरकारी योजनाओं के तहत अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि वे कृषि अवशेषों को जलाने की बजाए उनका खाद बनाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकें। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों व कस्टम हायरिग केंद्रों को विभिन्न आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं, जो फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर खाद बनाने में सहायता करते है। साथ ही इन कृषि यंत्रों से बिजाई भी की जा सकती है।

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