सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बना महम का सिविल अस्पताल

संवाद सहयोगी महम स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए विभाग के अधिकारी लंबे-चौड़े दावे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:41 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:41 PM (IST)
सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बना महम का सिविल अस्पताल
सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बना महम का सिविल अस्पताल

संवाद सहयोगी, महम : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए विभाग के अधिकारी लंबे-चौड़े दावे करते हैं, लेकिन आज भी सुविधाओं के अभाव में सिविल अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए। जहां पर ना केवल स्टाफ का टोटा है, बल्कि अल्ट्रासाउंड और एक्सरे जैसी जांच के लिए भी मशीन नहीं है। दैनिक जागरण ने रात का रिपोर्टर अभियान के तहत शनिवार रात महम कस्बे के सिविल अस्पताल का जायजा लिया। रात 10 बजे से लेकर 12:30 बजे तक लाइव पड़ताल की गई। जिसमें देखा गया कि मरीज से लेकर उनके तीमारदार और यहां तक कि खुद स्टाफ को भी किन-किन असुविधाओं से जुझना पड़ता है।

दैनिक जागरण टीम रात के समय सिविल अस्पताल में पहुंची। जहां पर एक महिला डाक्टर, दो नर्स, एक स्वीपर, एक हेल्पर और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ड्यूटी पर थे। सबसे पहले इमरजेंसी रूम का मुआयना किया गया। वहां पर डाक्टर और नर्स बुखार से पीड़ित एक बच्चे के उपचार में लगे हुए थे। जिसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इसके बाद वार्ड का जायजा लिया तो वहां पर दो महिलाएं भर्ती थी, जिनकी एक-दो दिन में डिलीवरी होने वाली थी। जबकि पेट दर्द से पीड़ित एक महिला भर्ती होने का इंतजार कर रखी थी कि कब उसे उपचार मिलेगा। डाक्टर बुखार से पीड़ित बच्चे का उपचार कर रही थी। इस वजह से वह महिला अपने नंबर का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान भैणी चंद्रपाल गांव से एक युवक को लाया गया, जिसने जहरीला पदार्थ निगला हुआ था। करीब पांच मिनट में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और तुरंत वहां से पीजीआइएमएस में रेफर कर दिया गया। रेफर करने की वजह थी अस्पताल में सुविधाओं का नहीं होना। अस्पताल में ना अल्ट्रासाउंड मशीन, ना एक्सरे मशीन और ना ही आइसीयू की व्यवस्था है। जिस कारण उसे रेफर करना ही पड़ा।

पत्नी का फोटो मोबाइल में लेकर पहुंचा युवक, बोला चाहिए दवाई

इसी बीच महम के भराण रोड पर रहने वाला एक युवक वहां पर पहुंचा। जो मोबाइल में अपनी पत्नी का फोटो लिए हुए थे। जिसने बताया कि सोते समय उसकी पत्नी के चेहरे पर जहरीले कीड़े ने काट लिया है उसकी दवाई चाहिए, लेकिन डाक्टर ने बिना देखे दवाई देने से साफ मना कर दिया। इसके बाद वह खुद अपनी पत्नी को ट्रैक्टर पर लेकर अस्पताल में पहुंचा। हालांकि शुरूआत में उन्हें भी रेफर करने के लिए कह दिया गया, लेकिन महिला की हालत सामान्य देखते हुए वहीं से दवाई दे दी।

झगड़े में घायल युवक भी पहुंचे

रात करीब साढ़े 11 बजे अस्पताल में दो युवक भी पहुंचे, जो मामूली रूप से जख्मी थे। पता चला कि उनके बीच शराब पीने के दौरान झगड़ा हुआ था और बाद में समझौता भी हो गया। डाक्टर ने उन्हें पुलिस कार्रवाई के लिए कहा। जिस पर उन्होंने कहा कि उनका समझौता हो गया है वह पुलिस कार्रवाई नहीं चाहते। इसके बाद डाक्टर ने प्राथमिक उपचार कर उन्हें वहां से भेज दिया।

यह निकला निष्कर्ष

कुल मिलाकर यह निष्कर्ष निकला कि कस्बे के सिविल अस्पताल में सुविधाओं का काफी अभाव है। यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को भर्ती तो किया गया था, लेकिन गायनी की कोई महिला डाक्टर नहीं थी। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और अन्य जांच मशीन की सुविधाएं यहां पर दे दी जाए तो मरीजों को रेफर करने की जरूरत ही ना पड़े।

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