रफी..दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर, दिल में जगाया आपने

स्वतंत्रता सेनानी शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस और गायक मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देशभक्ति संगीत संध्या में मोहम्मद रफी के गाए गीतों की प्रस्तुति दी गई। हौंसला ना छोडिए दिन पहले आले आवेंगे की प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। गायिका शीतल ने ए मेरे वतन के लोगों की प्रस्तुति दी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:00 AM (IST)
रफी..दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर, दिल में जगाया आपने
रफी..दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर, दिल में जगाया आपने

जागरण संवाददाता, रोहतक : स्वतंत्रता सेनानी शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस और गायक मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देशभक्ति संगीत संध्या में मोहम्मद रफी के गाए गीतों की प्रस्तुति दी गई। हौंसला ना छोडिए, दिन पहले आले आवेंगे की प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। गायिका शीतल ने ए मेरे वतन के लोगों की प्रस्तुति दी। एमडीयू के एलुमनाई एवं प्रसिद्ध गायक कुमार विशु और उनकी बेटी स्वरांशी ने जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा, कितना प्यारा वादा है, दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर, दिल में जगाया आपने आदि गीतों की एकल व युगल प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया। चंडीगढ़ के गायक पंडित सुरेश नायक और उनकी टीम ने संगीतमय प्रस्तुतियां दी। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने-लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में, हजारों रंग के सितारे बन गए गीत की खूबसूरत प्रस्तुति दी। डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. राजकुमार ने कौन है जो सपनों में आया, कौन है जो दिल में समाया गीत गाया। इस मौके पर कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, डा. शरणजीत कौर, डा. अरुणा तनेजा विशेष तौर पर मौजूद रहे। निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने मंच संचालन किया। उद्घोषक संपूर्ण सिंह बागड़ी ने व डा. प्रताप राठी का विशेष सहयोग रहा।

इन्होंने भी दी प्रस्तुति

आकाशवाणी के सेवानिवृत निदेशक डा. कैलाश वर्मा ने छू लेने दे इन होठों को, सेवानिवृत प्रोफेसर डा. हुकम चंद ने मैं कहीं कवि न बन जाऊं, डा. सौरभ वर्मा ने मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, सोमबीर और कविता ने ये दिल तुम बिन लगता नहीं, मधु चौपड़ा ने तुम्हें जो भी देखे, परम चंदेल व जगबीर राठी ने सात अजूबे इस दुनिया के आठवीं अपनी जोड़ी, राजेश बजाज ने तू इस तरह से मेरी, डा. मुकेश वर्मा ने अकेले हैं चले आओ, सतीश वत्स ने आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले, विनय व शीतल ने चुरा लिया है तुमने, सोमबीर ने परदा है परदा, विक्की ने क्या हुआ तेरा वादा की प्रस्तुति दी।

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