सीवरेज-पेयजल आपूर्ति की समस्या से बेहाल जनता, नगर निगम में कंट्रोल रूम खुलेगा
शहरी क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति और सीवेरज ओवरफ्लो की शिकायतों को लेकर मेयर की नाराजगी सामने आई है।
जागरण संवाददाता, रोहतक: शहरी क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति और सीवेरज ओवरफ्लो की शिकायतों को लेकर मेयर की नाराजगी सामने आई है। मेयर ने पूरे मामले में एक प्रस्ताव तैयार किया है। सब कुछ ठीक रहा तो योजना पर जल्द काम शुरू होगा। मेयर ने यही योजना तय की है कि दूषित पानी की आपूर्ति हो या फिर सीवरेज से संबंधित शिकायतें। इनका निस्तारण कराने के लिए सीधे तौर से मेयर और नगर निगम का हस्तक्षेप होगा। इसके लिए नगर निगम कार्यालय में कंट्रोल रूम संचालित कराया जाएगा। जिन अधिकारियों की शिकायतें होंगी उनसे सीधे पूछा जाएगा कि समस्या का समाधान हुआ कि नहीं।
शहरी क्षेत्र में सीवरेज और पेयजल आपूर्ति से संबंधित 40-50 शिकायतें नियमित तौर से मेयर मनमोहन गोयल के कैंप कार्यालय या फिर मेयर तक सीधे पहुंच रहीं हैं। मेयर का कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के स्तर से लापरवाही की बातें भी सामने आ रहीं हैं। इसलिए यही तय किया गया है कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही हो। इसके लिए नगर निगम कार्यालय में कंट्रोल रूम खोला जाए। एक कर्मचारी नगर निगम का शिकायतों को सुनने या फिर लिखित में शिकायत लें। इसी कर्मचारी के माध्यम से जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व संबंधित कर्मचारियों से सीधे तौर से समस्या के समाधान के साथ जवाब मांगा जाए। बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में 22 वार्ड हैं, सभी वार्डों के ज्यादातर पार्षदों की भी इसी प्रकरण में सबसे अधिक शिकायतें हैं। टेक नगर में पांच दिनों से सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या
टेक नगर में पिछले चार-पांच दिनों से सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या है। स्थानीय निवासी डा. देवेंद्र वर्मा ने बताया कि वार्ड-19 स्थित हमारी कालोनी में पिछले कई माह से समस्या है। शिकायत करते हैं तो कर्मचारी फंटी मारकर चले जाते हैं। स्थाई तौर से सीवरेज लाइन साफ नहीं की गई। रविवार को शिकायत के बाद वार्ड-19 की पार्षद मुक्ता नागपाल के प्रतिनिधि दीपक नागपाल के अलावा विभागीय कर्मचारी भी पहुंचे। मशीनों की मदद से सीवरेज लाइन साफ कराने की मांग की गई है। नगर निगम में जनस्वास्थ्य विभाग हो मर्ज करने की तैयारी
नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा कहते हैं कि जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से शहर में पेयजल आपूर्ति व सीवरेज से संबंधित कार्य कराए जाते हैं। इन व्यवस्था का जिम्मा संभालने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग और जनस्वास्थ्य विभाग के बीच लगातार वार्ता चल रहीं हैं। दो साल पहले भी इसी तरह का प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यों को देखने से इन्कार कर दिया था। फिर से इसी तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं। एचएसवीपी और नगर निगम का नहीं सुलझा विवाद
नगर निगम को छह प्रमुख सेक्टरों में सड़कों की मरम्मत व बरसाती पानी की निकासी के अलावा पेयजल और पेयजल आपूर्ति के कार्यों का जिम्मा सौंपने का फैसला हुआ था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) ने मंगलवार को 30 कर्मचारी नगर निगम में भेज दिए थे। नगर निगम ने कर्मचारी ही वापस लौटा दिए।