दावों पर खरे नहीं उतरे जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, वार्डों में दूषित पानी की आपूर्ति तो पार्षदों के घरों में पेयजल आपूर्ति ठप
जनस्वास्थ्य विभाग के दावे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। नगर निगम हाउस की बैठक के दौरान जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दूषित पानी की आपूर्ति और पानी की कटौती की समस्याओं से निजात दिलाने का आश्वासन दिया था।
जागरण संवाददाता, रोहतक : जनस्वास्थ्य विभाग के दावे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। नगर निगम हाउस की बैठक के दौरान जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दूषित पानी की आपूर्ति और पानी की कटौती की समस्याओं से निजात दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन ज्यादातर वार्डों में समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ। निगम हाउस की बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरफ से किए वादे भी पूरे नहीं हुए।
वार्ड-13 की पार्षद कंचन खुराना के झंग कालोनी स्थित आवास और पड़ोसियों के यहां भी पानी की आपूर्ति ठप होने का मामला सामने आया था। मेयर ने संबंधित शिकायत का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार तक पानी की आपूर्ति के आदेश दिए थे। लेकिन ज्यादातर वार्डों में समस्या जस की तस दिखी। इसीलिए जल संकट को लेकर पार्षदों व जनता की नाराजगी सामने आ रही है। नगर निगम हाउस की बैठक वीरवार को हुई थी। सभी 22 पार्षदों के साथ ही मेयर मनमोहन गोयल ने दूषित पानी, पानी की कटौती और सीवरेज से संबंधित समस्याएं होने का दावा किया था। अधिकारियों ने दावे किए थे कि समस्याएं निस्तारित कराएंगे। अब पार्षदों ने शनिवार को भी दावा किया है कि समस्याएं निस्तारित नहीं हुईं। मेयर की सख्ती भी नहीं आई काम, खूब सुनाई थी खरी-खरी
वार्ड-13 की पार्षद कंचन खुराना के आवास, पड़ोसियों व झंग कालोनी में पानी की आपूर्ति न होने का मामला संज्ञान में आया तो मेयर ने अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई थी। मेयर ने यहां तक कह डाला था कि हम सभी के लिए शर्म की बात है कि एक तरफ इनके वार्ड की 500 महिलाएं कचरे से खाद बना रहीं हैं, दूसरी तरफ हम यहां पानी तक नहीं दे पा रहे। इन महिलाओं को भी मेयर ने सम्मानित करने का फैसला लिया है। मेयर ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए थे कि शुक्रवार को पार्षद कंचन के घर पहुंचकर अधिकारी मुझे फोन करेंगे और पेयजल आपूर्ति की समस्या के निस्तारण की सूचना देंगे। फिर भी कोई राहत नहीं मिली। शहर में नहीं रहता बूंदभर पानी, फिर टैंकर वाले कहां से लाते हैं आरओ वाटर
शहर के जनता के बीच फिलहाल सबसे बड़ी यही चर्चा है कि जब शहर में बूंदभर पानी नहीं होता है तब टैंकरों से आरओ वाटर कैसे आपूर्ति होता है। जनता का कहना है कि यदि जलघरों में पानी नहीं रहता है तो 500-700 रुपये खर्च करके लोगों को टैंकर कैसे उपलब्ध हो जाता है। विभागीय अधिकारियों की नीति पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की गई है। कुछ पार्षदों ने तो अधिकारियों के मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। यह भी कहा है कि टैंकरों की जांच हो। इन मामलों से समझें जल संकट :
केस एक : वार्ड-1 में आ रहा मिट्टी वाला पानी
वार्ड-1 के पार्षद कृष्ण सेहरावत का दावा है कि हाउस की बैठक में अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि दूषित पानी की आपूर्ति से निजात दिलाएंगे। अमृत योजना के तहत जलघरों के टैंकों का कार्य और नई लाइन बिछाने के लिए भी काम होना है। इनका कहना है कि शनिवार की रात तक मिट्टी जैसे पानी की आपूर्ति हो रही है।
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केस दो : रेलवे रोड पर रामगली भी राम भरोसे
वार्ड-16 की पार्षद डिपल जैन ने दावा किया है कि रेलवे रोड स्थित राम गली में पानी की आपूर्ति नहीं होती। एक अप्रैल को जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, कोई जवाब नहीं मिला। हाउस की बैठक में मामला उठाया तो अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया था। पार्षद डिपल का कहना है कि मेरे पास शनिवार तक कोई फोन नहीं आया। अब संबंधित स्थान पर काम हुआ कि नहीं, इसे लेकर अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी है।
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केस तीन : कालोनियों में पानी कब आता है समय निर्धारित नहीं
वार्ड-20 की पार्षद पूनम किलोई ने बताया कि शनिवार को भी छोटूराम कालोनी, आंबेडकर कालोनी, राजीव नगर, एकता कालोनी, प्रीत विहार आदि स्थानों पर निर्धारित समय पर पानी नहीं आया। पार्षद प्रतिनिधि सूरजमल किलोई ने बताया कि मैं प्रीत विहार में रात आठ बजे गया, वहां रात 8.30 बजे पानी आया। जबकि पानी आने का समय शाम छह से सात बजे तक निर्धारित है। यह मामला भी हाउस की बैठक में उठाया गया था।
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केस चार : न्यू चिन्योट कालोनी में नहीं आ रहा पानी
वार्ड-19 की पार्षद मुक्ता नागपाल ने हाउस की बैठक में मामला उठाया था। उन्होंने न्यू चिन्योट कालोनी में पानी की आपूर्ति न होने का दावा किया था, जबकि चिन्योट कालोनी में दूषित पानी कि आपूर्ति होने की शिकायत की थी। चिन्योट कालोनी में दूषित पानी से राहत मिल गई, लेकिन न्यू चिन्योट कालोनी में पानी की आपूर्ति नहीं हुई।
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केस पांच : माता दरवाजा चौक पर दूषित पानी से राहत नहीं
वार्ड-4 के पार्षद धर्मेंद्र गुलिया पप्पन ने बताया कि माता दरवाजा क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। इसलिए हाउस की बैठक में दूषित पानी की आपूर्ति वाला पानी बोतल में लेकर पहुंचा था। शनिवार तक टीम लगी हुई थी, लेकिन दूषित पानी की आपूर्ति से राहत नहीं मिली।
-- वर्जन
यदि पार्षद कंचन के यहां पानी की आपूर्ति नहीं हुई है तो यह तो गंभीर विषय है। मैं इस प्रकरण में अधिकारियों से जानकारी लूंगा कि आखिर पानी कि आपूर्ति को लेकर इंतजाम क्यों नहीं किए।
मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम
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कुछ स्थानों पर नलकूपों का पानी पीने लायक है। इसलिए तमाम टैंकर वाले वहीं से पानी लाते होंगे।
भानु प्रकाश, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग
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अधिकारी यह बताएं कि नहरों में जब पानी नहीं होता है तब लोग रुपये खर्च करके आरओ टैंकर कैसे मंगवा लेते हैं। जनता को दूषित पानी की आपूर्ति से राहत कब मिलेगी।
धर्मेंद्र गुलिया पप्पन, पार्षद, वार्ड-4
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पार्षद कंचन के यहां जो पेयजल आपूर्ति वाला कनेक्शन है उसमें कोई दिक्कत है। उसे हम टीम भेजकर सही कराएंगे।
वीके जैन, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग