शहर से लेकर कालोनियों की सड़कों पर गड्ढे, धरातल पर नहीं दिखे अभी काम

जागरण संवाददाता रोहतक नगर निगम के अधिकारियों ने शहर को गड्ढा मुक्त करने का दावा कि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:38 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:38 AM (IST)
शहर से लेकर कालोनियों की सड़कों पर गड्ढे, धरातल पर नहीं दिखे अभी काम
शहर से लेकर कालोनियों की सड़कों पर गड्ढे, धरातल पर नहीं दिखे अभी काम

जागरण संवाददाता, रोहतक

नगर निगम के अधिकारियों ने शहर को गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था। हालांकि अधिकारियों के दावे धरातल पर खरे नहीं उतरे। अधिकारी बरसात से पहले हरपथ एप से जर्जर सड़कों की निगरानी का दावा करते रहे। हरपथ एप की छोड़िए अधिकारियों ने आंखे मूंद लीं। इस बरसाती सीजन में हर तरफ जर्जर सड़कों का जिक्र हो रहा है। जनता की नाराजगी सामने आई तो अधिकारियों ने दो दिन में पार्षदों की सहमति से गड्ढे भरवाने के आदेश दिए। शहरी क्षेत्र की मुख्य सड़कों से लेकर कालोनियों की गलियां तक जर्जर हैं। लोग परेशान हैं कि शिकायत कहां करें। कोई सुनने वाला नहीं।

पूर्व पार्षद नौरातामल भटनागर का कहना कि कसाई चौक पर गड्ढे हैं, जबकि गली जर्जर हो चुकी है। बरसाती सीजन से पहले अधिकारियों से शिकायत की थी। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। वार्ड-12 निवासी संदीप कहते हैं कि कहीं मरम्मत के कार्य हुए होंगे यह जानकारी नहीं। वार्ड-8 निवासी गजेंद्र यादव कहते हैं कि राजेंद्र नगर गोहाना रोड पर कई गडढे हैं, कोई सुनने वाला नहीं। सुखपुरा चौक निवासी सुमित सैनी कहते हैं कि आसपास की कई कालोनियों में हालात खराब हैं। बरसात होने के बाद दुर्घटना होने का खतरा रहता है। सेक्टर-2-3 पार्ट निवासी एसएस सांगवान कहते हैं कि हमारे यहां सड़कें टूटी पड़ी हैं। इसी तरह से सेक्टर-1 निवासी केसी खन्ना का दावा है कि अधिकारी पेपर वर्क तक सिमटे हुए हैं, धरातल पर कोई काम नहीं दिख रहा। बेशक जल जमाव की निकासी हो या फिर टूटी सड़कें। सेक्टर-4 निवासी रिटायर कर्नल आरएस सुहाग का दावा है कि हमारे यहां कुछ सड़कों पर गड्ढे हैं, लेकिन अभी कोई काम शुरू नहीं हुआ है। सेक्टर-6 के प्रधान खासा का दावा, अधिकारियों के कोरे दावे

सेक्टर-6 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रमेश खासा का दावा है कि हमारे सेक्टर में जर्जर सड़कों के साथ ही कई स्थानों पर गहरे गड्ढे हो चुके हैं। सेक्टर के अंदर की गलियां भी जर्जर हैं। अधिकारी सुनवाई करने के बजाय कोरे दावे कर रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं होती। यहां कचरा उठाने के लिए भी वाहन नहीं आता। जबकि यूजर चार्ज प्रापर्टी टैक्स के साथ वसूला जा रहा है। बार-बार शिकायत के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। यहां भी सड़कों पर गड्ढे, ग्रामीण रास्ते हो रहे प्रभावित

रोहतक के आउटर बाईपास यानी रोहतक-दिल्ली रेलवे ब्रिज से लेकर सुनारिया जेल तक लगभग टूट चूका है। टोल रोड के हालात पिछले दो वर्षों से बेहद खराब हैं। सुनारिया से बालंद गांव और ककराना, गरनावठी और सुंडाना रोड के ऊपर से रेत से भरे हाईवा ट्रकों के चलने से कई जगह गड्ढे हो गए हैं। रोहतक शहर के चारों और सड़कें जानलेवा गड्ढों से लबालब हैं। पुराने शुगरमिल का गोल चौराहा हो या फिर इस चौराहे से सुनारिया जेल तक का रोड़। इसी चौराहे से भिवानी रोड के बीच का टुकड़ा हो या इसी चौराहे से सुनारिया रोड की तरफ का टुकड़ा, जोकि एक तरफ से कोई बड़ी पाइप लाइन दबाने के कारण पूरी तरह से टूट चुका है। खेड़ी साध से दिल्ली बाईपास के बीच का रोड तो शायद एक बार उखाड़ने के बाद अधिकारी बनाना ही भूल गए हैं। शहर के इन चार प्रमुख मार्गों का हाल बेहद खराब है। पार्षद राहुल का दावा खेड़ी साध में काम हुए गुणवत्ता खराब

वार्ड-10 के पार्षद राहुल देशवाल का दावा है कि खेड़ी साध में दो-तीन गलियों में मरम्मत का कार्य हुआ। लेकिन जो कार्य हुए उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि अभी से मेरे पास फोन आने लगे हैं। पार्षद देशवाल का कहना है कि मैं पता करूंगा कि निगम यह कार्य अभी कराए हैं या फिर पहले। राहुल का यह भी कहना है कि मेरे पास कोई फोन नहीं आया, इसलिए पता नहीं कि कार्य किस तरह से कराए गए। पूरे प्रकरण की जानकारी के बाद सोमवार को अधिकारियों से शिकायत करेंगे। वर्जन

जर्जर सड़कों पर मरम्मत के कार्य शुरू होने की जानकारी नहीं है। वैसे अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि गलियों में मरम्मत के कार्य तत्काल शुरू करा दिए जाएं। मुख्य मार्गों के गड्ढे भरवाने के लिए भी कहा गया है।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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अधिकारी बरसाती सीजन से पहले दावा करते रहे कि हरपथ एप से जर्जर सड़कों की निगरानी कराएंगे। फिर भी हालात नहीं सुधरे। अब अधिकारी यह बताएं कि कहीं ऐसी गली, मुख्य सड़क है जहां टूटी सड़क न हों। जनता को कब तक तंग किया जाएगा।

कदम सिंह अहलावत, पार्षद, वार्ड-11

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कसाई चौक और गंदी गली पूरी तरह से टूटी पड़ी है। अधिकारियों से इस प्रकरण में बार-बार शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि जर्जर सड़कों को सुधारने की सुध अधिकारी नहीं लेने वाले।

नौरातामल भटनागर, पूर्व पार्षद

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