नहीं पोर्टल खुला नहीं, तीन हजार अवैध इमारतों के नियमित करने का मामला फंसा

शहरी क्षेत्र में रिहायशी व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में अवैध निर्माण कराने वालों पर फिर से शिकंजा कसा जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 07:49 PM (IST)
नहीं पोर्टल खुला नहीं, तीन हजार अवैध इमारतों के नियमित करने का मामला फंसा
नहीं पोर्टल खुला नहीं, तीन हजार अवैध इमारतों के नियमित करने का मामला फंसा

अरुण शर्मा, रोहतक: शहरी क्षेत्र में रिहायशी, व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में अवैध निर्माण कराने वालों पर फिर से शिकंजा कसा जाएगा। शहरी क्षेत्र में नियमों के विपरीत करीब ढाई-तीन हजार अवैध इमारतें हैं। इन इमारतों के स्वामियों को पहले भी नोटिस दिए गए। हालांकि कुछ माह पहले सरकार ने अवैध इमारतों को नियमित (रेगुलाइज) करने का फैसला लिया था। इसके लिए नियम तय किए गए थे। इमारतों को रेगुलाइज करने के लिए एक पोर्टल का संचालन होना था। निकाय विभाग के स्तर से पोर्टल का भी संचालन नहीं हो सका। इसलिए अवैध इमारतों को रेगुलाइज करने का मामला अटक गया।

निगम ने अवैध इमारतों संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चार अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि नक्शों के विपरीत निर्माण करने वालों को सरकार ने कुछ माह पहले राहत दी थी। उस दौरान यही तय किया गया है कि करीब 6090 स्क्वेयर मीटर के हिसाब से जुर्माना रकम जमा कराने पर इमारतें रेगुलाइज करा सकते थे। इसमें मानक से अधिक ऊंचाई यानी 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारत भी शामिल थीं। जुर्माना अलग-अलग श्रेणियों के हिसाब से जमा कराना था। जैसे निर्मित प्लाट, खाली कितना क्षेत्रफल है आदि। अब अवैध इमारतों को चिह्नित करके सीलिग की कार्रवाई होगी। इसके लिए बिल्डिग ब्रांच के एटीपी जितेंद्र के अलावा तीन अन्य भवन निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सोमवार से टीमें कार्रवाई के लिए अवैध इमारतें चिह्नित करेंगी। कुछ माह पहले यह भी लिया था फैसला, अब होगी सख्ती

शहर में होने वाले अवैध निर्माणों को नियमित कराने के लिए बीते साल अक्टूबर में बड़ी राहत दी थी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने राहत देते हुए पॉलिसी में बदलाव करते हुए 90 दिनों के अंदर अवैध भवनों को नियमित कराने को कहा था। इसके लिए दस्तावेज सहित 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से शुल्क जमा कराने के आदेश थे। उस दौरान निकाय विभाग ने अवैध इमारतों को नियमित करने के लिए फिर से नियमों में संशोधन किया था। अवैध निर्माण कराने वालों को हरियाणा बिल्डिग कोड 2017 के अनुरूप सामने, पीछे, ऊंचाई से अधिक अवैध निर्माण कराने वालों को हिदायतें दी गई थीं। हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 261 (1), 262(2) और 263 के तहत अवैध निर्माण कराने वालों पर कार्रवाई के आदेश थे। इसके लिए एक पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करने के लिए मौका दिया गया था। नियमों के विपरीत निर्मित इमारतों स्वामियों के खिलाफ हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 263ए के तहत सीलिंग की कार्रवाई के भी आदेश थे।

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