जलघर के टैंक में अटी पड़ी गंदगी, नहीं मिल रहा पीने का पानी
समचाना में ग्रामीण पिछले करीब डेढ़ माह से दूषित व बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि टैंक में थोडा सा गंदा व बदबूदार पानी पडा हुआ है। पिछले करीब डेढ़ माह से टैंक में मरी हुई मछलियां सड़ रही हैं।
संवाद सहयोगी, सांपला : समचाना में ग्रामीण पिछले करीब डेढ़ माह से दूषित व बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि टैंक में थोडा सा गंदा व बदबूदार पानी पडा हुआ है। पिछले करीब डेढ़ माह से टैंक में मरी हुई मछलियां सड़ रही हैं। मजबूरी के कारण ग्रामीणों को गांव से दूर नहरों पर लगे नलों व खेतों से पानी लाकर पीना पड़ रहा है। ग्रामीण पुनीत, सचिन, संजय, राजेश, देवेन्द्र, काला, गीता, योगेश, निक्की, पूजा, आशा आदि ने बताया कि एक तरफ कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है, वहीं दूसरी तरफ भैंसरू के निकट बने जलघर से गंदा व दूषित पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। यह पानी इतना गंदा व बदबूदार आता है कि पशु भी नहीं पी रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि टैंक को देखकर लगता है कि वर्षों से इसकी सफाई नहीं हुई। टैंक में काफी संख्या में मछलियां मरी पड़ी हैं। साथ ही खाली बोतलें व अन्य गंदगी की भरमार है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बीमारी का कहर इस कदर फैला हुआ है कि हर घर में खांसी, बुखार के दो तीन मरीज हैं। बहुत से ग्रामीणों को पेट की बीमारियों से ग्रस्त हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद टैंक की सफाई नहीं कराई जा रही। उधर, गांव के जलघर के टैंक पर तैनात कर्मचारी राकेश ने बताया कि वह कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। जिन्होंने जल्द ही सफाई कराने का आश्वासन दिया है। अब आश्वासन के बाद लोगों को इस समस्या के समाधान की उम्मीद है।