आदर्श पर्यावरण के लिए प्रत्येक परिवार के लिए अनिवार्य हो पौधरोपण

वर्तमान समय में आदर्श पर्यावरण बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन सामूहिक प्रयास किए जाएं तो यह नामुमकिन भी नहीं है। इसमें भागीदारी के लिए प्रत्येक परिवार के लिए पौधारोपण अनिवार्य होना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 09:20 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 09:20 AM (IST)
आदर्श पर्यावरण के लिए प्रत्येक परिवार के लिए अनिवार्य हो पौधरोपण
आदर्श पर्यावरण के लिए प्रत्येक परिवार के लिए अनिवार्य हो पौधरोपण

जागरण संवाददाता, रोहतक : वर्तमान समय में आदर्श पर्यावरण बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन सामूहिक प्रयास किए जाएं तो यह नामुमकिन भी नहीं है। इसमें भागीदारी के लिए प्रत्येक परिवार के लिए पौधारोपण अनिवार्य होना चाहिए। जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है। वहीं, आमजन को जीवन में पेड़ों का महत्व बताते हुए प्रेरित करना चाहिए, ताकि इस मुहिम को बखूबी पूरा किया जा सके। आदर्श पर्यावरण की दिशा में बेहतर कार्य कर रहे पर्यावरण प्रहरियों को सम्मानित किया जाना चाहिए। गांवों और शहर में अलग अलग अनेक समूह गठित किए जाएं और उनके उनके आसपास लगाए गए पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी उनको सौंपी जाए। वहीं, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी मुहिम के साथ अधिक संख्या में जोड़ा जाना चाहिए। आदर्श पर्यावरण के लिए किसी भी भू भाग का तीस फीसद वन क्षेत्र होना चाहिए। लेकिन रोहतक में यह आंकड़ा तीन फीसद ही है। जिसमें सुधार के लिए सामूहिक स्तर पर ठोस प्रयास की जरूरत है। हालांकि कुछ प्रकृति प्रेमी अपने अपने स्तर पर वन क्षेत्र बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे पर्यावरण प्रहरियों को सम्मानित भी किया गया है। उनका मत है कि आदर्श पर्यावरण के लिए विभिन्न स्तरों पर बेहतर प्रयास करने की जरूरत है।

ठोस परिणाम के लिए हो मजबूत दृष्टिकोण :

पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए मजबूत दृष्टिकोण की जरूरत है। ताकि उसके अनुसार कार्य करते हुए ठोस परिणाम हासिल किए जा सकें। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए वन विभाग से सम्मानित किए पर्यावरण प्रहरी नरेंद्र कुमार प्रजापत का कहना है कि आदर्श पर्यावरण के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। बनियानी गांव निवासी नरेंद्र का कहना है कि पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए शहर या गांवों में स्थानीय स्तर पर प्रकृति प्रेमियों की पहचान कर उनको समय-समय पर सम्मानित किया जाना चाहिए, ताकि वे और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। बाउंड्री वाले स्थानों पर ही पौधारोपण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा ट्री गार्ड की ऊंचाई भी बढ़ाई जानी चाहिए। अकसर पौधों को पशु नष्ट कर देते हैं। ऐसे में अगर ट्री गार्ड की ऊंचाई सात या आठ फीट होगी तो पशुओं को मुंह पौधों तक नहीं पहुंच पाएगा और पौधा सुरक्षित भी रहेगा। वहीं, पौधे भी बड़े साइज के लगाए जाने चाहिए। ताकि वे उनको कम समय तक सुरक्षा की जरूरत हो और जल्द ही वे पेड़ बने सकें। अगर बिना बाउंड्री की जमीन हो तो वहां पहले चारों तरफ कांटेदार तार लगाने के बाद ही पौधारोपण किया जाना चाहिए। इसके अलावा सिचाई पानी की समस्या का समाधान भी किया जाए। वन विभाग के अधिकारी प्रकृति प्रेमियों के साथ समय समय पर बैठकें कर फीडबैक लें ताकि समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।

जमीन की तासीर जांच कर हो पौधारोपण

भराण गांव निवासी राजकुमार का कहना है कि सबसे पहले जहां पर पौध रोपण किया जाना हो, उस जमीन की तासीर की जांच कर लेनी चाहिए। जमीन की तासीर के अनुसार वहां पर वैसी की प्रजाति के पौधे लगाए जाने चाहिए, तो उस जमीन में अच्छी तरह बढ़ सकें। यूं कहें कि वैज्ञानिक रूप से पौधारोपण करने पर जोर दिया जाना चाहिए। ताकि पौधों के नष्ट होने का आंकड़ा कम हो सके। इसके अलावा छोटों के बजाय बड़े-बड़े पौधे लगाए जाएं ताकि कम समय की देखभाल से ही वे वृक्ष बन सकें। पौधारोपण वाले स्थानों पर प्रकृति प्रेमियों के समूह बनाए जाए। बागवानी विभाग की ओर से सम्मानित किए जा चुके पर्यावरण प्रहरी राजकुमार बाग लगाकर वन क्षेत्र बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। उनका मानना है कि अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाए जाने चाहिए। जिससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी बल्कि फल भी अधिक संख्या में उपलब्ध हो सकेंगे। प्रत्येक परिवार के लिए पौधारोपण अनिवार्य होना चाहिए, इसके लिए परिवारों को पौधारोपण का जीवन में महत्व बताते हुए उनको प्रेरित भी करना चाहिए। वन विभाग की ओर से सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू कराए जाने चाहिए ताकि स्कूल, कालेज या विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी विभाग के साथ जोड़कर आदर्श पर्यावरण बनाया जा सके। राजकुमार आम, आमरूद आदि कई किस्मों की पौध भी तैयार करते हैं। इसके साथ ही वे किसानों को बागवानी के प्रति जागरूक भी हर रहे हैं।

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