टेस्टिग साइट पर नहीं दिख रही शारीरिक दूरी, रोजाना लंबी होती जा रही कतार

जागरण संवाददाता रोहतक कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिग अहम है। जितना ज्यादा टेस्टिग होगी उतना ही संक्रमण का पता लगाकर इलाज किया जा सकेगा। जिले में पीजीआइएमएस सिविल अस्पताल पॉली क्लीनिक सीएचसी पीएचसी आदि पर टेस्टिग कराई जा सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:51 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:51 AM (IST)
टेस्टिग साइट पर नहीं दिख रही शारीरिक दूरी, रोजाना लंबी होती जा रही कतार
टेस्टिग साइट पर नहीं दिख रही शारीरिक दूरी, रोजाना लंबी होती जा रही कतार

जागरण संवाददाता, रोहतक : कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिग अहम है। जितना ज्यादा टेस्टिग होगी, उतना ही संक्रमण का पता लगाकर इलाज किया जा सकेगा। जिले में पीजीआइएमएस, सिविल अस्पताल, पॉली क्लीनिक, सीएचसी, पीएचसी आदि पर टेस्टिग कराई जा सकती है। इसके अलावा प्राइवेट लैब व अस्पतालों में भी टेस्टिग हो रही है। हालांकि, टेस्टिग साइट पर व्यवस्थाएं जरूर लचर हैं, खासकर शारीरिक दूरी को लेकर जरा भी गंभीरता नहीं दिख रही है।

पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर के बाहर सुबह करीब 11.30 बजे का नजारा हैरान करने वाला रहा। यहां सैंपल देने के लिए लंबी कतार लगी है, धूप आम दिनों से कम है, ऐसे में कतार में लगे लोगों को इस वजह से परेशानी नहीं हो रही। लेकिन, यहां खड़े लोगों के बीच की दूरी कहीं से भी दो गज की नहीं दिखाई पड़ती है। गार्ड व अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी ड्यूटी दे रहे हैं। एक कर्मचारी से बातचीत की, उन्होंने बताया कि सुबह करीब छह बजे से लाइन लगी हुई है, लंबी कतार होने से समय बहुत ज्यादा लग रहा है। यही आलम सिविल अस्पताल में दिखा, यहां भी शारीरिक दूरी के प्रति गंभीरता नहीं दिख रही। शुगर मिल कालोनी निवासी 22 वर्षीय सूरज ने बताया कि सुबह नौ बजे सैंपल देने पहुंचे थे, दोपहर 12 बजे तक नंबर ही नहीं आया। इन सभी जगहों पर आरटी-पीसीआर टेस्टिग की जा रही है। पीजीआइएमए, सिविल अस्पताल में एक-एक काउंटर पर लिया जा रहा सैंपल

कोरोना संक्रमण को देखते हुए काउंटर की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। खासकर पीजीआइएमएस और सिविल अस्पताल में स्थिति ज्यादा खराब है, यहां महज एक-एक काउंटर पर सैंपलिग ली जाती है। ऐसे में लंबी कतार बन जाती है। शारीरिक दूरी रखना भी मुश्किल हो जाता है। यहां ड्यूटी दे रहे हेल्थ वर्कर्स को भी इस कारण परेशानी हो रही है। यहां रिकॉर्ड मेंटेन करने वाले एक हेल्थ वर्कर ने बताया कि सुबह से ही सैंपलिग के लिए लोग पहुंचना शरू कर देते हैं। शारीरिक दूरी रखने के लिए बोला भी जाता है लेकिन लोगों की संख्या बढ़ने से अव्यवस्था बन जाती है। रिपोर्ट के लिए मोबाइल पर नहीं आ रहा मैसेज

कोरोना टेस्टिग के बाद मोबाइल पर मैसेज न आने की शिकायत भी लोग कर रहे हैं। गोहाना अड्डा निवासी गितेश ने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट लेने खुद पहुंचे, पॉजिटिव रिपोर्ट आई। मोबाइल पर न कोई मैसेज आया न ही किसी ने कॉल करके बताया कि संक्रमित हूं। दूसरी ओर अब रिपोर्ट मिलने में भी देरी बात सामने आ रही है। अधिक सैंपल होने से तीन से चार दिन का समय रिपोर्ट आने में लग रहा है।

chat bot
आपका साथी