पीजीआइ मनोरोग विभाग विशेषज्ञों ने छात्रों को दिया व्याख्यान

जागरण संवाददाता रोहतक पीजीआइ के मनोरोग विभाग के दो चिकित्सकों डा. सुजाता सेठी व डा.

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 06:47 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 06:47 AM (IST)
पीजीआइ मनोरोग विभाग विशेषज्ञों ने छात्रों को दिया व्याख्यान
पीजीआइ मनोरोग विभाग विशेषज्ञों ने छात्रों को दिया व्याख्यान

जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ के मनोरोग विभाग के दो चिकित्सकों डा. सुजाता सेठी व डा. जोगेंद्र कैरो को शुक्रवार को चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में छात्रों को अवसाद व स्ट्रेट मैनेजमेंट विषय पर व्याख्यान देने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरके मित्तल ने दोनों चिकित्सकों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान से उनके कर्मचारियों और छात्रों को काफी फायदा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आजकल हर व्यक्ति तनाव में है, ऐसे में पीजीआइएमएस के चिकित्सकों द्वारा दिया गया व्याख्यान निश्चित रूप से स्ट्रेस कम करने में बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पीजीआइ की सीनियर डा. सुजाता सेठी ने कहा कि हमें अवसाद के लक्षणों की पहचान करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि आपको अपने किसी साथी में या खुद में लगे की हमें धीरे-धीरे उदासी आ रही है, दो माह बाद नींद में कमी आनी शुरू हो जाए, वजन कम होने लगे, किसी से बात करने का मन नहीं करे, अकेले रहने का मन करें, आत्महत्या का विचार आए तो ऐसे में मनोरोग विभाग में आने से संकोच ना करें।

पीजीआई के वरिष्ठ नैदानिक मनोवैज्ञानिक डा. जोगेंद्र कैरो ने कहा कि वर्कलोड के कारण, तनाव के कारण, परीक्षा का भय, रिलेश्रिप टूट जाना, प्यार का बिछड़ जाना, किसी गहरे साथी की मौत हो जाना, आपसी मतभेद हो जाना, मदद के लिए तैयार ना रहना, समस्या साझा ना करना आदि लक्षण तनाव के हो सकते हैं। डा. जोगेंद्र कैरो ने बताया कि अमेरिकन फिजियोलोजिस्ट वाल्टर कैनन ने अपनी एक रिसर्च में बताया था कि जानवरों में तनावग्रस्त की स्थिति में खून का बहाव शरीर में अंगों की जगह मांसपेशियों में जाना शुरू हो जाता है, जिनमें फ्लाइट और फाइट की स्थिति उत्पन्न होती है कि या तो परिस्थिति का सामना करें या उससे बचाव करें।

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