सब ठेकेदार इसलिए चुप, अब जो बोलेगा वही कुंडी खोलेगा ..

जागरण संवाददाता रोहतक शहर की सरकार में कुछ सवालों के घेरे में आ गए हैं। बताते

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 08:42 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 08:42 AM (IST)
सब ठेकेदार इसलिए चुप, अब जो बोलेगा वही कुंडी खोलेगा ..
सब ठेकेदार इसलिए चुप, अब जो बोलेगा वही कुंडी खोलेगा ..

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर की सरकार में कुछ सवालों के घेरे में आ गए हैं। बताते हैं कि खूब बोलते थे लेकिन आजकल चुप हैं। कारण पता किया तो उनके चहेते बताते हैं कि सब ठेकेदार हैं। प्लाट, कालोनियां काट रखी हैं। बोलेंगे तो कैसे। चहेतों को ठेके दिलवा रखे हैं। अब लोग चर्चा करने लगे हैं कि जो बोलेगा वही कुंडी खोलेगा वाला हिसाब हो रहा है।कहीं खुद की कुंडी खुल न जाए, इसी डर से वह बोल नहीं रहे। एक मामला उजागर हुआ तो उनकी बोलती बंद हो गई। शहर की सरकार में 22 वाले आंकड़े में बताते हैं कि तमाम ने भाई, भतीजों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों, दोस्तों को ठेकों में सेट कर रखा है। इसलिए सब उजागर वाले वाले मामलों से दूर हैं। सड़कों पर फिर से सवाल, सुधरी की सेहत संवार रहे बिगड़ी की हवा टाइट

शहर में फिर से सड़कों को जोड़-तोड़ और फिर बनाने की फितरत शुरू हो गई है। एक नाराज कहीं जाने वाली पार्षद ने अधिकारियों को खूब शर्मसार किया। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा था कि जो सड़कें दुरूस्त हैं उनकी सेहत की अधिकारियों को परवाह है। जो सड़कें टूटी पड़ी हैं उन्हें देखने के लिए हुजूर तक नहीं आते। बताते हैं कि जिन धुएं वाली सड़कों का धुंआ विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था फिर वही कार्य शुरू हो गया है। बताते हैं कि एक स्थान पर पिछले सप्ताह सड़क तोड़ी। फिर से लेयर बिछाने का कार्य शुरू कर दिया। लोगों ने सवाल उठाए। मामला ऊपर तक पहुंचा। सभी को कहा गया है कि चुप रहें। अधिकारी भी चुप और काम रफ्तार की राह पर पहुंच गया। मजेदार बात बताएं हुजूर के दरबार में हाजिरी का असर यही है कि धुएं वाली सड़कें दोबारा से वही बनाने लगे हैं जिनके काम रोके। खैर, हमें क्या बोलने वाले जाने क्या-क्या बोल देते हैं। दूसरी ओर, बोलने वाले तो कुछ पार्षदों की रीति, नीति और नीयति पर भी सवाल उठाते हैं। कहते हैं कि जिन्होंने विकास के नाम पर शहर का ऐसा हश्र किया, उनके खिलाफ बोले कैसे। एक पार्षद ने इंटरनेट मीडिया पर शब्दबाण चलाते हुए लिखा था कि मैं लिफाफेबाज नहीं हूं, इसलिए चुभता हूं। जो लिफाफे लेते हैं उनके नाम होली के तिलक के रूप में सार्वजनिक हो गए हैं।

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