दिनभर चला रूठने मनाने का सिलसिला, मकर संक्रांति पर लोगों ने उड़ाई पतंग

रोहतक : कोई ढोल की थाप पर, तो कोई डीजे की बीट पर कदम से कदम मिला

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jan 2019 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jan 2019 05:57 PM (IST)
दिनभर चला रूठने मनाने का सिलसिला, मकर संक्रांति पर लोगों ने उड़ाई पतंग
दिनभर चला रूठने मनाने का सिलसिला, मकर संक्रांति पर लोगों ने उड़ाई पतंग

जागरण संवाददाता, रोहतक :

कोई ढोल की थाप पर, तो कोई डीजे की बीट पर कदम से कदम मिलाती नजर आई। साथ ही अपने बड़े बुजुर्ग को नए वस्त्र, मिठाई, फल आदि देकर उनका सम्मान किया। ऐसा ही कुछ नजारा सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर शहर के कई इलाकों में मिला। महिलाओं ने अपने-अपने तरीके से अपने रूठे हुए सास-ससुर को गाजे-बाजे के साथ मनाया। रूठने मनाने का सिलसिला देर रात तक चला।

माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन घर के बुजुर्ग रूठकर अपने घर से बाहर चले जाते हैं और किसी अपने परिचित के घर जाकर बैठ जाते हैं। बहू अपने मायके से आकर कपड़े, उपहार आदि देकर उन्हें मनाकर वापस घर लाती हैं। इसके साथ ही हर घर में स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। इस दौरान महिलाएं पारंपरिक गीत गाकर माहौल को सुहाना बना देती हैं। ग्रामीण आंचलों में अभी भी इसका महत्व काफी ज्यादा है। मौसम रहा सुहावना, लोगों ने उड़ाई पतंग

इस अवसर लोगों ने जमकर पतंग बाजी की। ऐसे में कोई मोदी छाप पतंग, तो कोई स्वच्छता के स्लोगन से लिखी पतंग को उड़ाता नजर आया। इसके साथ ही मौसम सुहावना होने की वजह से हर कोई अपनी छतों पर धूप का आनंद लेता और पतंगबाजी करता नजर आया। पतंग की खरीददारी रही पहले के मुकाबले कम

काठ मंडी स्थित पतंग दुकानदारों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर पिछले साल से कम खरीददारी हुई है। पतंग बिक्रेता पवन ने बताया जहां पिछली बार पतंगों, धागों, मांझों की बिक्री 15 हजार रुपये से अधिक रही थी। वहीं इस बार यह घट कर 5 से 6 हजार रुपये पर ही सिमट गई। जिससे दुकानदार काफी निराश दिखे।

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