भूकंप के झटकों से जर्जर घरों में रहने वालों की उड़ी नींद, कहा आवासीय योजना के नियम हों सरल

फोटो संख्या 05 - शुक्रवार को देर रात आए थे भूकंप के झटके सरकार ने मांगी रिपोर्ट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:10 AM (IST)
भूकंप के झटकों से जर्जर घरों में रहने वालों की उड़ी नींद, कहा आवासीय योजना के नियम हों सरल
भूकंप के झटकों से जर्जर घरों में रहने वालों की उड़ी नींद, कहा आवासीय योजना के नियम हों सरल

फोटो संख्या : 05

- शुक्रवार को देर रात आए थे भूकंप के झटके, सरकार ने मांगी रिपोर्ट

- रोहतक डीआरओ का दावा, नुकसान की कहीं से जानकारी नहीं मिली

- आवासीय योजना के नियमों में बदलाव की फिर से उठी मांग जागरण संवाददाता, रोहतक

भूकंप के झटकों ने तमाम कालोनियों के लोगों की नींद उड़ा दी है। प्रधानमंत्री आवासीय योजना में कड़ी शर्तों के चलते तमाम लोगों का दावा है कि वह आवास पाने से वंचित हैं। सरकार से मांग की गई है कि जर्जर आवासों का भी निर्माण कराया जाए। प्रधानमंत्री आवासीय योजना में मालिकाना हक को लेकर सख्त नियम को सरल किया जाए।

हरियाणा वाल्मीकि महासभा के प्रधान राजेश वाल्मीकि ने दावा किया है कि गढ़ी मुहल्ला, कच्चीगढ़ी मुहल्ला, आंबेडकर कालोनी, कुंआ मुहल्ला आदि कालोनियों में आज भी जर्जर भवन हैं। इनका दावा है कि आवासीय योजना में मालिकाना हक के लिए रजिस्ट्री या फिर अन्य दस्तावेज मांगे जाते हैं। महासभा के प्रधान का दावा है कि कलानौर क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र और नगर निगम क्षेत्र में करीब 235 तक लोग योजना से वंचित हैं। सरकार व नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही जर्जर भवनों के निर्माण को लेकर भी ठोस रणनीति तय हो। कायस्थान मुहल्ले में कमरे की तीन तरफा दीवारों में आईं दरारें

कायस्थान मुहल्ला निवासी गगन गुलाटी ने दावा किया कि भूकंप के कारण उनके घर के एक कमरे में तीन तरफा दरारें आ चुकी हैं। इन्होंने बताया है कि साल 2010-11 में आवास का निर्माण कराया था। भूकंप के चलते एक कमरे में दरारें आने से परिवार डर गया। इसलिए रात में कमरे में कोई सोया ही नहीं। मुआवजे की मांग की है। जर्जर भवनों को गिराने व निगरानी के लिए कमेटी का हुआ था गठन

नगर निगम प्रशासन ने इसी साल जर्जर भवनों को गिराने की अनुमति देने और उनकी निगरानी व विवादों के निपटान के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। निगम के एक्सईएन के साथ ही मुख्यालय के अधिकारी व संबंधित क्षेत्रों के बिल्डिंग इंस्पेक्टर को कमेटी में शामिल किया गया था। फिलहाल पूरे प्रकरण में कमेटी की निगरानी से लेकर अन्य कार्य पूरी तरह से बंद हैं। शहर में कुछ विवाद भी सामने आए। अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी कमेटियों के गठन का फायदा क्या होता है। भूकंप को लेकर सरकार ने मांगी रिपोर्ट

शुक्रवार की देर रात आए भूकंप के झटकों से कोई नुकसान हुआ कि नहीं, इस बिदु पर सरकार ने ब्योरा मांगा था। राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों ने ब्योरा सरकार को भेज दिया है। दावा किया गया है कि कहीं भी नुकसान की सूचना नहीं है। यदि कहीं से नुकसान की सूचना आएगी तो सरकार को विस्तृत ब्योरा भेजा जाएगा। वर्जन

रोहतक जिले में कहीं से भी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। राज्य सरकार ने भूकंप के झटकों से नुकसान हुआ कि नहीं इस बिदु पर जानकारी मांगी थी। हमने सरकार को रिपोर्ट भेज दी है। सरकार ने अलर्ट रहने को कहा है।

पूनम बब्बर, जिला राजस्व अधिकारी

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से ही पात्रता सूची तैयार की गई थी। तमाम लोगों की किश्तें भी आ चुकी हैं।

जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर, नगर निगम प्रधानमंत्री आवासीय योजना में करीब 235 लोग आज भी वंचित हैं। जर्जर घरों में रहने वालों को नींद भी नहीं आती है। आवासीय योजना के कड़े नियमों में बदलाव हो और योजना से वंचित सभी गरीबों को योजना का लाभ मिलना चाहिए।

राजेश वाल्मीकि, जिला प्रधान, हरियाणा वाल्मीकि महासभा

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