कोविड के बाद भय व आशंकाओं से तनाव में हैं लोग: राजवंशी

ऋषिकेश में सोसायटी फार रूरल मेंटल हेल्थ एवं मनोरोग विभाग एम्स ऋषिकेश के तत्वाधान में छठी वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:45 AM (IST)
कोविड के बाद भय व आशंकाओं से तनाव में हैं लोग: राजवंशी
कोविड के बाद भय व आशंकाओं से तनाव में हैं लोग: राजवंशी

जागरण संवाददाता, रोहतक : ऋषिकेश में सोसायटी फार रूरल मेंटल हेल्थ एवं मनोरोग विभाग एम्स ऋषिकेश के तत्वाधान में छठी वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ एम्स ऋषिकेश के निदेशक डा. अरविद राजवंशी ने आनलाइन माध्यम से अपने संदेश के साथ किया। निदेशक डा. अरविद राजवंशी ने संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में लोगों ने मुसीबतों का सामना किया है। कुछ ने अपनों को खोया, कईयों की नौकरी गई या आर्थिक नुकसान हुआ। अधिकतर लोग महामारी के डर और आगे की आशंकाओं से तनाव में है। कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत बढ़ गई है। डा. राजवंशी ने कहा कि अधिकतर लोग जो मानसिक बीमारी से काफी हद तक निजात पा सकते हैं, अपनी बीमारी छुपाते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के संपर्क में नहीं आते हैं। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि मानसिक बीमारी को छुपाए नहीं इनके बारे में खुलकर बात करें क्योंकि अन्य शारीरिक बीमारियों की तरह मानसिक बीमारियों का भी इलाज संभव है।

-बढ़ गई हैं लोगों में असमानताएं

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक कम सीईओ डा. राजीव गुप्ता ने संगोष्ठी में उपस्थित मनोरोग विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि संगोष्ठी का विषय मेंटल हेल्थ इन रिमोट एरिया ड्यूरिग कोविड-19 पैनडेमिक लाइक सिचुएशन रखा गया है। डा. गुप्ता ने कहा कि करोना महामारी के दौरान भी लोगों के बीच में काफी असमानताएं फैली हैं और इस महामारी के दौरान जीवन जीने का स्वरूप काफी हद तक बदल गया है। डा. राजीव गुप्ता ने कहा कि मानसिक बीमारियों को एक स्टिग्मा के तौर पर देखा जाता है, लोग इनकी बातें करने से और इलाज कराने के लिए सामने नहीं आते। अब इस स्टिग्मा को तोड़ना होगा।

-मनोरोग काउंसलर की भारी कमी: डा. यादव

डा. यादव ने कहा कि मानसिक बीमारियों का इलाज करने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ व काउंसलर की भारी कमी है, साथ ही सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं होती। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सरकारों को इन कमियों को दूर करना होगा, जिससे मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमजन को उचित इलाज मिल सके।

-आज होगा संगोष्ठी का समापन

सोसायटी के सचिव एवं एसोसिएट प्रोफेसर डा. विनय कुमार ने बताया कि संगोष्ठी का समापन 17 अक्टूबर को होगा एवं समापन के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य संस्थान रोहतक के निदेशक एवं सीईओ डा. राजीव गुप्ता संगोष्ठी के मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मारकंडेय आहूजा, डा. प्रीति सिंह , डा. पुरुषोत्तम, डा. प्रेम मुंजाल, डा. अजय मल्होत्रा, डा. विशाल धीमान, डा. रमेश बत्रा, डा. सिद्धार्थ आर्य, डा. अंजू यादव, डा. पीयूष, डा. ईशा बत्रा, डा. शेफाली, डा. सोनम, डा. तफीम, डा. प्रतिष्ठा, डा. मुग्धा तथा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रतिभागी संगोष्ठी में उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी