शिक्षा की मुख्यधारा में लाए जाएंगे आउट आफ स्कूल बच्चे

रोहतक में आउट आफ स्कूल बच्चों को अब शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जाएगा। शिक्षा के अधिकार के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे सभी बच्चों की तलाश कर उनका दाखिला स्कूलों में कराया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:44 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:44 AM (IST)
शिक्षा की मुख्यधारा में लाए जाएंगे आउट आफ स्कूल बच्चे
शिक्षा की मुख्यधारा में लाए जाएंगे आउट आफ स्कूल बच्चे

जागरण संवाददाता, रोहतक : आउट आफ स्कूल बच्चों को अब शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जाएगा। शिक्षा के अधिकार के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे सभी बच्चों की तलाश कर उनका दाखिला स्कूलों में कराया जाए। इसके लिए अभियान चलाकर रोहतक में अब तक 154 ऐसे बच्चों को तलाश किया गया है जो आउट आफ स्कूल थे। अब रोहतक के छह सेंटर में इन सभी 154 बच्चों को ब्रिज कोर्स कराया जाएगा। इसका शुभारंभ बुधवार को जिला अतिरिक्त उपायुक्त कम चेयरमैन समग्र शिक्षा महेंद्रपाल ने खे़ड़ी साध गांव के स्कूल से विधिवत रूप से किया है। एडीसी ने बच्चों को शिक्षित होने के लिए प्रेरित भी किया।

इस अवसर पर बच्चों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए हैं, जिनके माध्यम से शिक्षा के महत्व का संदेश भी दिया गया। समग्र शिक्षा की जिला परियोजना समन्वयक कृष्णा फोगाट ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वाधान में हूमाना पीपल टू पीपल इंडिया एनजीओ के सहयोग से यह अभियान चला जाएगा। जिला में ऐसे बच्चों की तलाश की गई, जो आउट आफ स्कूल थे। इसके लिए गांव-गांव, शहर व कालोनियों आदि में अभियान चलाया गया है। अभियान का मकसद छह से 14 साल तक के बच्चों की तलाश कर उनको शिक्षा की मुख्यधारा में लाना है।

जिला परियोजना समन्वयक कृष्णा फोगाट ने बताया कि जो ड्रापआउट के बच्चे हैं वह दो तरह के होते हैं। एक तो जो विद्यालय को बीच में छोड़ जाते हैं और दूसरे वो जो कभी विद्यालय में आए ही नहीं। जिले में इस प्रकार के करीब 200 बच्चों को चिह्नित किया गया है और इनमें से 154 बच्चों को इन छह एसटीसी केंद्रों में एनरोल कर लिया गया है। इन बच्चों को ब्रिज कोर्स करवा कर इनको मुख्यधारा में लाया जाएगा। अगले सत्र में इनकी उम्र के हिसाब से आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार उचित कक्षा में समायोजित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर और विद्यार्थी मिलते हैं तो इस तरह से केंद्रों की संख्या को और बढ़ाया भी जा सकता है। खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र खत्री ने कहा कि जो भी विद्यार्थी ड्रापआउट मिलेंगे उनको इन केंद्रों में लाया जाएगा। इस अवसर पर इन बच्चों को स्कूल बैग व पाठ्य सामग्री भी प्रदान की गई। वहीं, फूलमालाओं से उनका स्वागत भी किया गया।

जिला में बनाए हैं ये छह सेंटर

इसके लिए जिला में छह अलग अलग स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण सेंटर बनाए गए हैं। जिनमें राजकीय प्राथमिक पाठशाला खेड़ी साध, राजकीय प्राथमिक पाठशाला शुगर मिल, राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला गांधी नगर, राजकीय प्राथमिक पाठशाला सैनिक स्कूल, राजकीय मिडल स्कूल सेक्टर पांच और राजकीय प्राथमिक पाठशाला ब्राह्णा मंडी शामिल हैं। जहां पर इन बच्चों को ब्रिज कोर्स कराया जाएगा। ब्रिज कोर्स कराने को शिक्षा विभाग ने स्वयंसेवक लगाए हैं।

मार्च तक पूरा होगा यह कोर्स

आउट आफ स्कूल अभियान के जिला कार्डिनेटर सुरेंद्र दहिया ने बताया कि बच्चों को यह कोर्स मार्च तक पूरा कराया जाएगा। ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से इन बच्चों को उनकी आयु के अनुसार कक्षा में दाखिल कराया जा सके। प्रत्येक सेंटर में 25 बच्चों पर एक स्वयंसेवक तैनात किया गया है। जिले में कुल छह स्वयंसेवक भर्ती किए गए हैं, जो स्कूल समय के दौरान ही इन बच्चों को ब्रिज कोर्स से संबंधित पाठ्य सामग्री पढ़ाएंगे।

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