पहले दिन एक तिहाई विद्यार्थी ही पहुंचे स्कूल, ड्रेस में भी नहीं आए सभी विद्यार्थी

जागरण संवाददाता रोहतक तीसरी से पांचवीं कक्षाओं के लिए भी बुधवार से स्कूल खोल दिए गए। हा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:37 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:37 AM (IST)
पहले दिन एक तिहाई विद्यार्थी ही पहुंचे स्कूल, ड्रेस में भी नहीं आए सभी विद्यार्थी
पहले दिन एक तिहाई विद्यार्थी ही पहुंचे स्कूल, ड्रेस में भी नहीं आए सभी विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, रोहतक : तीसरी से पांचवीं कक्षाओं के लिए भी बुधवार से स्कूल खोल दिए गए। हालांकि सालभर बाद खुले स्कूलों में बुधवार को पहले दिन इन कक्षाओं के लगभग एक तिहाई विद्यार्थी ही पहुंचे। जिनमें से ज्यादातर के पास ड्रेस में भी नहीं थी। जबकि अनेक विद्यार्थियों की ड्रेस छोटी हो चुकी थी। लेकिन स्कूल में आकर पढ़ाई करने खुशी उनके चेहरों पर नजर आ रही थी। बच्चों का कहना है कि पहले दिन उन्होंने दोस्तों के साथ मस्ती के साथ ही पढ़ाई का कार्य भी किया। उधर, शिक्षकों का कहना है कि कोविड-19 के चलते छोटे बच्चों की अतिरिक्त देखभाल की जरूरत रहती है। कुछ बच्चे मास्क नहीं पहने हुए थे, उनको स्कूल में मास्क मुहैया कराया गया। साथ ही उनकी थर्मल स्क्रीन की गई और हैंड सैनिटाइज भी किए गए। इसके बाद ही उनको कक्षाओं में बैठाया गया। उनका कहना है कि विद्यार्थियों की स्कूल में आने से बेहतर पढाई हो सकेगी। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 से बचाव के तमाम नियमों का पालन किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित स्कूल मुखियाओं को निर्देश भी दिए गए हैं। अधिकारियों की ओर से 40 से 50 फीसद विद्यार्थी बुधवार को स्कूलों में आने का दावा किया गया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगले दिनों में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी। विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारियां भी कराई जा रही है। बच्चों को स्कूल भेजकर अभिभावक भी खुश हैं। मौलिक शिक्षा अधिकारी ने किया दौरा :

तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल बुधवार को खुलने के साथ ही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुनीता पंवार ने स्कूलों का दौरा भी किया। सुनीता बुधवार दोपहर सुंदरपुर व सिंहपुरा खुर्द स्थित सरकारी स्कूलों में पहुंची। सुंदरपुर में जहां विद्यार्थियों की संख्या 80 फीसद से अधिक रही वहीं, सिंहपुरा में बच्चों की संख्या कम देखी गई। उन्होंने विद्यार्थियों को परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित भी किया और शिक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। घर पर रहकर भी पढ़ाई का मन करता था और स्कूल की याद आती थी। अब स्कूल में आकर अच्छा लगा है। दोस्तों से मिलने के साथ ही पढ़ाई भी की जा रही है।

- सूरज, विद्यार्थी कक्षा पांच । घर पर आनलाइन कक्षाएं लगती थी लेकिन उससे पढ़ाई बेहतर तरीके से नहीं होती थी। अब स्कूल में आकर शिक्षिकों से मिलकर अच्छी तरह पढ़ाई करेंगे और अच्छे अंक लेंगे।

- पुनीत, विद्यार्थी कक्षा चार । एक साल से बच्चे घर पर थे। हालांकि आनलाइन पढ़ाई होती थी लेकिन व उतनी प्रभावी नहीं है। जितना स्कूल में आकर पढ़ाई करना है। स्कूल में बच्चे आना चाहते थे। उनको स्कूल में भेजने लगे हैं।

- पूजा, अभिभावक, सैनीपुरा । कोविड-19 को लेकर अभी अभिभावकों में भय है लेकिन पढ़ाई भी जरूरी है। ऐसे में कोविड-19 से बचाव को लेकर तमाम सावधानियां बरतना आवश्यक है। बच्चों को मास्क पहनाकर स्कूल भेज रहे हैं।

- सरिता, अभिभावक, संजय नगर । सालभर बार छोटे बच्चे स्कूल में आए हैं। जिनको स्कूल में आमने-सामने पढ़ाकर काफी खुशी महसूस हो रही है। हालांकि पहले दिन बच्चों की संख्या कम रही है। लेकिन अगले दिनों में इनकी संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।

- चंचल शर्मा, शिक्षिका, राजकीय प्राइमरी स्कूल । कोविड-19 से बचाव संबंधित निर्देशों का पालन करते हुए तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। हालांकि पहले दिन 40 से 50 फीसद विद्यार्थी ही स्कूलों में पहुंचे हैं। लेकिन अगले दिनों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

- सुनीता पंवार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक ।

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