शहर में प्रतिदिन पानी के साथ एक लाख लोग पी रहे हैं बीमारियां

पुनीत शर्मा रोहतक शहर में पानी सप्लाई किए जाने वाले व्यापारियों द्वारा लोगों को पानी के रू

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 May 2019 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 06:28 AM (IST)
शहर में प्रतिदिन पानी के साथ एक लाख लोग पी रहे हैं बीमारियां
शहर में प्रतिदिन पानी के साथ एक लाख लोग पी रहे हैं बीमारियां

पुनीत शर्मा, रोहतक

शहर में पानी सप्लाई किए जाने वाले व्यापारियों द्वारा लोगों को पानी के रूप में बीमारियां पिलाई जा रहीं हैं। पानी सप्लाई करने वाले व्यापारियों के प्रतिष्ठानों का स्वास्थ्य विभाग और जीएसटी में कोई पंजीकरण नहीं है। इसके बाद भी दोनों विभागों के अधिकारियों ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई है। केवल शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक जगह पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे एक लाख से अधिक लोग पीकर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। पेयजल सप्लाई करने वाले प्रतिष्ठानों से इस सीजन में अभी तक कोई सैंपलिग नहीं की गई है। जिसके चलते मजबूरीवश लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।

भीषण गर्मी में एक ओर जहां पेयजल के लिए मारामारी मचती है वहीं दूसरी ओर इसका सीधा फायदा क्षेत्र के वाटर सप्लायर उठा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में स्थित सरकारी, निजी दफ्तरों, कपड़े, जूते, मोबाइल शॉप समेत अन्य प्रतिष्ठानों पर वाटर सप्लायरों द्वारा पेयजल सप्लाई की जाती है। एक रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन सप्लायरों द्वारा करीब 10 हजार जग पानी शहर में सप्लाई किया जा रहा है, जिसे करीब एक लाख लोग प्रतिदिन पीते हैं। बताया जा रहा है कि जग का पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जिसके चलते सीधे तौर पर लोग पानी के साथ बीमारियां पी रहे हैं। लोगों के स्वास्थ्य से खुलेआम हो रहे खिलवाड़ के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अधिकतर वाटर सप्लायरों द्वारा न तो अपने संस्थानों का पंजीकरण कराया गया है और न ही इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा अनुमति ली गई है। बिना पंजीकरण के संचालित इन वाटर सप्लाई केंद्रों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई है। जबकि पहले चरण में किसी भी खाद्य पदार्थ विक्रेता का स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में पंजीकरण आवश्यक है। दूषित पानी से होने वाली विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। चिकित्सक मरीजों का इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन लोगों को स्वच्छ पेयजल ही नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते दवाइयों का भी असर लोगों पर नहीं हो रहा है। 150 से अधिक सप्लायर करते हैं पानी सप्लाई

शहरी क्षेत्र में 150 से अधिक वाटर सप्लायरों द्वारा 10 हजार से अधिक जगह पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जाता है। जग में आने वाला पानी स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, इसकी जांच न तो सप्लायर द्वारा कराई जाती है और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा। जिसके चलते सप्लाई किया जाना वाला पानी लोगों के लिए धीमा जहर साबित हो रहा है। बताया जा रहा है कि आने वाले पांच वर्षों में इसके गंभीर परिणाम लोगों को भुगतने पड़ेंगे। केवल पानी को ठंडा करते हुए करते हैं सप्लाई

पानी को स्वच्छ बनाने के लिए वाटर सप्लायरों द्वारा पानी में क्लोरीन मिलाई जाती है। इन केंद्रों पर पानी में क्लोरीन मिलाने के लिए कोई टेक्निकल कर्मचारी नहीं रखा हुआ है, बल्कि एक कर्मचारी द्वारा बिना किसी मानक को जानते हुए क्लोरीन मिला दी जाती है। इसके बाद पानी को ठंडा करते हुए भरकर दफ्तरों में पहुंचा दिया जाता है। सरकारी व निजी दफ्तरों में दूषित पानी सप्लाई होने के बाद भी आज तक किसी अधिकारी ने इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया है। दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियां

दूषित पेयजल से लोगों को पेट दर्द, हेपेटाइटिस ए और ई, पीलिया, डिप्थीरिया, डायरिया, आंतों में इंफेक्शन, दांतों का खराब होना, बालों का झड़ना, चर्म रोग समेत अन्य प्रकार की बीमारियां लोगों में फैलती हैं। पेयजल सप्लाई करने के लिए मानकों को पूरा करना जरूरी है। यदि मानकों के विपरीत पेयजल सप्लाई किया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। किसी भी हाल में लोगों की सेहत से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

डा. अनिल बिरला, सिविल सर्जन

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