पापा की मेहनत का परिणाम, जो इस मुकाम पर हूं : शेफाली

रोहतक के वैश्य शिक्षण संस्था के क्रिकेट ग्राउंड पर पिता संजीव वर्मा हमें बचपन में प्रैक्टिस कराने ले जाते थे। जहां बड़े भाई साहिल के साथ अकसर मेरा क्रिकेट में कंपीटिशन कराते थे। पिता कहते थे कि एक ओवर में जो अधिक सिक्स लगाएगा उसे 10 रुपये दिए मिलेंगे। पिता की बातों के चलते कंपीटिशन में अधिक सिक्स लगाने का प्रयास रहता था। उस वक्त वे लेदर की बाल से प्रैक्टिस कराते थे और जान बूझकर ऐसा बल्ला ले जाते थे जिससे शाट लगाने में अधिक ताकत लगानी पड़े।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:32 AM (IST)
पापा की मेहनत का परिणाम, जो इस मुकाम पर हूं : शेफाली
पापा की मेहनत का परिणाम, जो इस मुकाम पर हूं : शेफाली

रतन चंदेल, रोहतक :

रोहतक के वैश्य शिक्षण संस्था के क्रिकेट ग्राउंड पर पिता संजीव वर्मा हमें बचपन में प्रैक्टिस कराने ले जाते थे। जहां बड़े भाई साहिल के साथ अकसर मेरा क्रिकेट में कंपीटिशन कराते थे। पिता कहते थे कि एक ओवर में जो अधिक सिक्स लगाएगा उसे 10 रुपये दिए मिलेंगे। पिता की बातों के चलते कंपीटिशन में अधिक सिक्स लगाने का प्रयास रहता था। उस वक्त वे लेदर की बाल से प्रैक्टिस कराते थे और जान बूझकर ऐसा बल्ला ले जाते थे, जिससे शाट लगाने में अधिक ताकत लगानी पड़े। पापा की बपचन में कराई गई मेरी ऐसी मेहनत का परिणाम है, जो मैं यहां तक पहुंच सकी हूं। इंग्लैंड की महिला टीम के साथ खेले जा रहे अपने डेब्यू टेस्ट में पहली पारी में 96 रन बनाने के बाद शेफाली वर्मा ने बीसीसीआइ को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में यह बात बताई। इस इंटरव्यू को मोबाइल फोन पर देखकर शनिवार को शेफाली के पिता संजीव वर्मा भावुक हो गए। रोहतक की ज्वेलर्स मार्केट में ज्वेलरी की दुकान चलाने वाले संजीव वर्मा ने बताया कि एक जुनून था कि बेटी को बेहतरीन क्रिकेटर कैसे बनाया जाए। दरअसल, संजीव भी क्रिकेट खेलते थे लेकिन बड़े टूर्नामेंट नहीं खेल सके। संजीव के मुताबिक शेफाली में क्रिकेट उन्होंने उस वक्त ही देख ली थी जब बचपन में वे परिवार के साथ गली में खेलते थे और शेफाली मंजे हुए बल्लेबाज की तरह बल्ला चला लेती थी। इसी कारण बेटी की अधिक से अधिक प्रैक्टिस कराने पर फोकस किया गया। सुबह चार बजे उठते और फिर पांच बजे क्रिकेट ग्राउंड पर पहुंच जाते। जहां दो घंटे तक जमकर उनकी प्रैक्टिस कराते थे। इसके बाद बेटी स्कूल जाती और फिर शाम को घर आने के बाद हैंगिग बाल से भी उनकी प्रैक्टिस कराते थे। शेफाली को बचपन में ही वे बड़ी उम्र के लड़कों के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस कराने लगे थे। संजीव की इसी तपस्या, बेटी की कड़ी मेहनत और हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के सही मार्गदर्शन का परिणाम रहा कि शेफाली ने 2019 में महज 15 साल की उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। शेफाली अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की महिला टी 20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिग में पहले स्थान पर काबिज हैं। संजीव ने बताया कि क्रिकेटर बेटी ने इंग्लैंड में भी अच्छा प्रदर्शन किया है और अपने देश व प्रदेश का गौरव बढ़ा रही हैं। डेब्यू टेस्ट में सबसे ज्यादा रन :

17 साल की आक्रामक बल्लेबाज शेफाली ने इंग्लैंड के साथ खेलते हुए भारत की पहली पारी में 152 गेंदों में 96 रनों की पारी खेलकर 26 साल पुराना हाल ही में रिकार्ड तोड़ा है। वह डेब्यू टेस्ट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। हालांकि, पहले ही टेस्ट में वे शतक से चूक गई थी, लेकिन उनका आत्मविश्वास बढ़ना लाजिमी है। वहीं, दूसरी पारी में भी शेफाली में उम्दा प्रदर्शन करते हुए 63 रन बनाए।

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