अपडेट हुआ एनओसी का सॉफ्टवेयर, अब सैकड़ों लोगों की रजिस्ट्रियां फंसी
अरुण शर्मा रोहतक कोविड संक्रमण के दौरान लोगों की मुसीबत बढ़ गई हैं। फिलहाल नगर निग
अरुण शर्मा, रोहतक
कोविड संक्रमण के दौरान लोगों की मुसीबत बढ़ गई हैं। फिलहाल नगर निगम से रजिस्ट्री से पहले जारी होने वाले अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) न मिलने से तमाम लोगों की रजिस्ट्रियां फंस गई हैं। जिन्होंने मार्च माह में ऑनलाइन आवेदन किया था उन्हें भी एनओसी नहीं मिल रहीं। अब लोगों को डर सता रहा है कि कोविड की सख्ती के चलते कहीं रजिस्ट्रियां अटक न जाएं। दावा किया जा रहा है कि अभी तक सैकड़ों रजिस्ट्री फंसी हुई हैं। नगर निगम के आयुक्त के साथ ही शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों तक शिकायतें पहुंच गई हैं।
सेक्टर-14 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व प्रधान उदय सिंह फोगाट ने बताया कि सेक्टर स्थित शॉपिग काम्प्लेक्स में उसकी दो दुकानें हैं। यह दुकानें बेचने के लिए एनओसी पाने के लिए आवेदन किया। दो माह तक एक माह तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में चक्कर काटे। वहां से मुश्किल से एनओसी मिली तो अब मामला नगर निगम कार्यालय में आकर अटक गया। इन्होंने बताया कि पिछले पांच माह से विभिन्न कार्रवाई के चलते दुकानों की बिक्री का मामला अटका हुआ है। पूर्व प्रधान का दावा है कि 26 मार्च को एनओसी पाने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स व दूसरे देय आनलाइन नगर निगम कार्यालय में जमा करा दिए। 31 मार्च के बाद बताया गया कि किसी कंपनी का टेंडर बदल गया है। इसलिए अभी एक मई तक इंतजार करने को कहा गया है। इन्होंने सेक्टर-14, सेक्टर-1, सेक्टर-6 के अलावा दूसरे सेक्टरों के लोगों की भी यही समस्याएं बताईं। छह में से पांच फाइल पास, शेष फंसी, आज मेयर से मिलेंगे
पूर्व पार्षद मदनलाल कुरड़ा ने बताया कि हमने एनओसी के लिए छह फाइल दीं थीं। इनमें से एक फाइल पास हो गई, शेष पांच फाइल अभी भी फंसी हुई हैं। इन्होंने जमीन खरीदने और बेचने के लिए एनओसी पाने के लिए आनलाइन आवेदन करने वालों की यही समस्या बताई। यह भी कहा कि जिन लोगों की फाइल फंसी हुई हैं उन सभी का ब्योरा नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही मेयर मनमोहन गोयल को देंगे। वीरवार को मेयर से मिलकर समस्याएं निस्तारित कराने की मांग करेंगे। एनओसी नहीं मिल रही, अब कहां लगाएं गुहार
सेक्टर-14 के रहने वाले सुरेंद्र कादियान ने बताया कि मुझे घर खरीदने के लिए एनओसी चाहिए। आठ अप्रैल को आवेदन किया था। आनलाइन आवेदन करने के बावजूद कोई स्टेट्स सामने नहीं आ रहा। नगर निगम कार्यालय में अधिकारियों के पास जाते हैं कुछ दिन इंतजार करने को कहा जाता है। वहीं, इसी तरह की समस्या राम कुमार अहलावत की है। इन्होंने बताया कि अधिकारियों से शिकायत कहां करें। कोई सुनवाई नहीं। सरकार की तरफ से पोर्टल संचालित होता है। एनओसी वाले पोर्टल में मुख्यालय स्तर से बदलाव किया गया है। पहले पोर्टल कार्य नहीं कर रहा था। अभी भी स्पीड धीमी है। फिर भी सभी फाइलें निकलवाएंगे। हमारी कोशिश है कि 30 अप्रैल तक सभी पेडिग मामलों में एनओसी जारी कराएंगे।
प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम पिछले माह से दो दुकानें बेचने के लिए इतने पापड़ बेल रहा हूं कि जमीन के रेट से लेकर तमाम बदलाव आ गए। कोविड संक्रमण के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इससे भी डर लग रहा है कि कहीं रजिस्ट्री कराने में कोई अड़चन न आ जाए। नगर निगम के सिस्टम की खामी के चलते मानसिक उत्पीड़न हो रहा है।
उदय सिंह फोगाट, पूर्व प्रधान, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-14