एक सप्ताह में वेतन मिलने के आश्वासन पर काम पर लौटे एमडीयू कर्मचारी

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के गैर शिक्षक कर्मचारी कुलसचिव के आश्वासन के बाद बुधवार को काम पर लौट गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 09:51 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 09:51 AM (IST)
एक सप्ताह में वेतन मिलने के आश्वासन पर काम पर लौटे एमडीयू कर्मचारी
एक सप्ताह में वेतन मिलने के आश्वासन पर काम पर लौटे एमडीयू कर्मचारी

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के गैर शिक्षक कर्मचारी, कुलसचिव के आश्वासन के बाद बुधवार को काम पर लौट गए। अक्टूबर माह का वेतन मिलने में हो रही देरी से नाराज कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर चले गए थे। विश्वविद्यालय अधिकारियों से हुई बातचीत के दौरान सहमति न बनने पर कर्मचारियों ने कामकाज बंद कर दिया था। बुधवार, सुबह एक बार फिर एमडीयू नॉन टीचिग एसोसिएशन (एमडीयू एनटीए) की ओर से गेट मीटिग बुलाई जिसमें टीचिग एसोसिएशन (मटूडा) के प्रधान और कुछ शिक्षक भी मौजूद रहे।

कर्मचारियों व शिक्षकों की गेट मीटिग के बीच कुलसचिव गुलशन लाल तनेजा पहुंचे। उन्होंने 15 अक्टूबर तक वेतन जारी कराने का आश्वासन दिया। साथ ही ग्रुप डी कर्मचारियों का वेतन बुधवार शाम तक देने की बात कही। प्रो. तनेजा ने बताया कि प्रदेश के सभी विवि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वेतन जारी होने में इसी वजह से देरी हो रही है। सरकार की ओर से मिलने वाली ग्रांट अभी विश्वविद्यालय को नहीं मिली है। सरकार के उच्च अधिकारियों से विवि प्रशासन लगातार संपर्क में है। जल्द ही कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन दिया जाएगा।

दूसरी ओर कर्मचारियों ने कहा कि निर्धारित तिथि पर वेतन न मिलने पर विवि को बंद कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर एमडीयू एनटीए प्रधान कुलवंत मलिक, मडूटा प्रधान डा. विकास सिवाच आदि मौजूद रहे। सरकार से अलॉट ग्रांट नहीं हुई है अभी तक जारी

एमडीयू को सरकार की ओर से मिलने वाली ग्रांट अभी तक जारी नहीं हुई है। इस वर्ष करीब 103 करोड़ रुपये की ग्रांट विवि के लिए प्रस्तावित है। जो जारी नहीं की गई है। दूसरी ओर कोरोना महामारी की वजह से उपजे आर्थिक संकट से भी विवि को काफी नुकसान हुआ है। विवि के बजट से प्रति माह करीब 12 करोड़ रुपये गैर शिक्षक कर्मचारी व शिक्षकों के वेतन के लिए खर्च होते हैं। वर्जन

शिक्षकों व कर्मचारियों को 15 अक्टूबर तक वेतन नहीं दिया गया तो विवि का कोई भी कर्मचारी व शिक्षक काम नहीं करेगा। विवि के सभी विभागों पर ताला लगा दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को वेतन की मांग को प्राथमिकता से लेना चाहिए।

- डा. विकास सिवाच, प्रधान, मडूटा। कर्मचारियों में वेतन मिलने में हो रही देरी से रोष व्याप्त है। विवि अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे। यह सिर्फ इस माह की बात नहीं है। ऐसा तो आगामी माह में भी हो सकता है हम स्थाई समाधान की मांग करते हैं। ऐसा न होने पर कर्मचारी विवि को बंद कर देंगे।

- कुलवंत मलिक, प्रधान, एमडीयू एनटीए।

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