फर्जी आरसी प्रकरण : इकोनोमिक सेल के रडार पर कई कर्मचारी, जांच में होंगे शामिल
जागरण संवाददाता रोहतक एसडीएम कार्यालय में पकड़े गए फर्जी आरसी प्रकरण पर सीआइडी चीफ
जागरण संवाददाता, रोहतक : एसडीएम कार्यालय में पकड़े गए फर्जी आरसी प्रकरण पर सीआइडी चीफ के संज्ञान लेने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले की जांच अब इकोनोमिक सेल ने शुरू की है। जिसमें कार्यालय के स्टाफ समेत कई अन्य लोग रडार पर है। जिस तरीके से यह आरसी फर्जीवाड़ा किया गया था उससे माना जा रहा है कि अकेला एक व्यक्ति इसे नहीं कर सकता। ऐसे में इकोनोमिक सेल स्टाफ के अन्य सदस्यों को भी जांच में शामिल करने की तैयारी में है।
दरअसल, पांच अक्टूबर को सीएम फ्लाइंग की टीम ने एसडीएम राकेश कुमार के कार्यालय में छापेमारी कर गाड़ियों की आरसी का रिकार्ड खंगाला था। सीएम फ्लाइंग की टीम सात गाड़ियों के नंबर लेकर पहुंची थी, जिसमें जांच के दौरान चार गाड़ियों का रिकार्ड ठीक मिला था। जबकि तीन गाड़ियों की आरसी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई थी। एक गाड़ी दिल्ली नंबर, दूसरी यूपी और तीसरी गाड़ी सिरसा जिले की थी, लेकिन इन गाड़ियों की वहां से एनओसी लिए बिना ही रोहतक एसडीएम कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन करा दिया गया। यह मामला आर्य नगर थाने में दर्ज कराया गया था। हाल ही में सीआइडी चीफ आलोक मित्तल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए थाने से इसकी जांच हटवा दी है। मामले की जांच इकोनोमिक सेल को दी गई है। हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों के नाम गाड़ियां है थाना पुलिस इतने दिन बीतने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी। अब इस मामले की जांच इकोनोमिक सेल में आने के बाद शुरूआत से सभी तथ्यों को जाना जाएगा। इकोनोमिक सेल उन लोगों को जांच में शामिल करने की तैयारी में है जो इस प्रकरण से कहीं ना कहीं लिक है। जिससे कार्यालय के कर्मचारियों में भी हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
महम भी पकड़ा जा चुका है फर्जीवाड़ा
आरसी फर्जीवाड़े का यह पहला मामला नहीं है। महम एसडीएम कार्यालय में भी बड़े स्तर पर यह खेल पकड़ा गया था। वहां पर भी कई कर्मचारियों की गिरोह से मिलीभगत थी, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चोरी की लग्जरी गाड़ियों की आरसी तैयार करा देते थे। वह मामला भी उस समय काफी सुर्खियों में रहा था।