अमित की हार का नहीं मलाल, मायना निवासी बोले- खिलाड़ी पर गर्व, दुनियाभर में किया गांव का नाम रोशन

सुबह के सात बजे हैं। मायना गांव में बाक्सर अमित पंघाल के घर कुछ गाड़ियां खड़ी है। दरवाजे खुले हैं। आंगन में कुर्सियां लगाई हैं। साढ़े सात बजे गांव के लाड़ले दुनिया के नंबर एक बाक्सर अमित पंघाल का ओलिपिक डेब्यू मैच है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:12 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:12 AM (IST)
अमित की हार का नहीं मलाल, मायना निवासी बोले- खिलाड़ी पर गर्व, दुनियाभर में किया गांव का नाम रोशन
अमित की हार का नहीं मलाल, मायना निवासी बोले- खिलाड़ी पर गर्व, दुनियाभर में किया गांव का नाम रोशन

जागरण संवाददाता, रोहतक : सुबह के सात बजे हैं। मायना गांव में बाक्सर अमित पंघाल के घर कुछ गाड़ियां खड़ी है। दरवाजे खुले हैं। आंगन में कुर्सियां लगाई हैं। साढ़े सात बजे गांव के लाड़ले दुनिया के नंबर एक बाक्सर अमित पंघाल का ओलिपिक डेब्यू मैच है। म्हारा छौरा जीतैगा कहते हुए पड़ोस के कुछ बुजुर्ग घर में प्रवेश करते हैं। अमित के पिता बिजेंद्र पंघाल मध्यम मुस्कान के साथ उनका स्वागत करते हैं। सभी के लिए पानी लेकर आते हैं। सभी मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

घर में एक कमरे से तेज आवाज में टीवी चल रहा है। मैच देखने के लिए पहले से ही निर्धारित चैनल लगाया जा चुका है। कमरे में महिलाएं हैं। पुरुष बाहर आंगन में बैठे हैं। अमित के आस-पड़ोस के पहुंचे हैं। दोस्त की जीत की सभी कामना कर रहे हैं या ये कहें कि पूरा विश्वास है कि गांव के इस लड़के का पंच सोना बरसाएगा। समय करीब सवा सात हो चुका है। टीवी से मैच का काउंटडाउन शुरू होने की आवाज आने लगी है। कमरा महिलाओं से भरा हुआ है। बाहर बैठे लोगों के मैच देखने का प्रबंध किया जा रहा है। अमित के बड़े भाई अजय और आसपास के युवा कमरे से एक अन्य एलईडी बाहर लगाते हैं। इसे इंटरनेट से कनेक्ट कर मैच को लाइव चलाया गया है। ठीक साढ़े सात बजे लाल जर्सी में रिग की तरफ बढ़ते अमित को देख पिता-भाई की आंखों में चमक आ गई। अंदर कमरे में भी मां व अन्य स्वजन इसी तरह खुश हैं। पहले राउंड में बढ़त से सभी में जोश

कोलंबिया के बाक्सर पर पहले राउंड में अमित काफी हद तक भारी दिखे। भाई और पिता बता रहे हैं कि अमित पहले राउंड में डिफेंसिव रहता है। दूसरे-तीसरे राउंड में प्रतिद्वंदी पर हावी होता है। यहां पहले ही राउंड में बढ़त से सभी में जोश भर गया है। जीतैगा छौरा एक बुजुर्ग ने घोषणा की। खैर दूसरा राउंड शुरू हुआ। अमित थके नजर आ रहे हैं। सभी के चेहरों पर शिकन है। यह कैसे खेल रहा है, इतना डिफेंस जरूरी नहीं। अमित के बड़े भाई मैच देखते हुए यक कह रहे हैं। दूसरे राउंड में अमित पिछड़ गया है। एलईडी के सामने बैठे पिता आखिरी की 20 सेकेंड रहते पीछे चले गए अमित के पर्व के प्रदर्शन से सभी आश्वस्त हैं कि वह वापसी करेगा। तीसरा राउंड शुरू, यह क्या अमित अब भी एग्रेशन नहीं दिखा रहे हैं। प्रतिद्वंदी के पंचों से बचने की कोशिश में बार-बार कार्नर पर जाने को मजबूर हैं। ऐस प्रतीत हो रहा है कि अमित का दिन नहीं है। यहां जोशीले चेहरों पर मायूसी छा गई है। आखिरी के 20 सेकेंड बचे हैं वापसी की उम्मीद कम है। पिता बिजेंद्र पंघाल एलईडी के सामने से उठकर पीछे जाकर खड़े हो गए हैं। अमित 1-4 से मैच हार गए हैं।

आंखें नम पर हौसला कायम

अमित के मैच हारने के बावजूद ग्रामीण काफी देर तक परिवार के साथ बैठे रहे। नम आंखों से एक बुजुर्ग बोले गांव के बेटे पर गर्व है। हार-जीत खेल का हिस्सा है। 139 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व टोक्यो में बड़े मंच पर अमित ने किया है। अमित के पिता बिजेंद्र पंघाल ने कहा कि हार पर दुख है लेकिन मलाल नहीं। बेटे ने पूरी मेहनत की। गांव का नाम दुनियाभर में किया। सरकार यदि निजी कोच को साथ भेजती तो शायद खेल और बेहतर होता।

chat bot
आपका साथी