धूमधाम से मनाया भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस, निकाली शोभायात्रा

जागरण संवाददाता रोहतक बुधवार को भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:50 PM (IST)
धूमधाम से मनाया भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस, निकाली शोभायात्रा
धूमधाम से मनाया भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस, निकाली शोभायात्रा

जागरण संवाददाता, रोहतक :

बुधवार को भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर शहर में शोभायात्रा भी निकाली गई। शोभायात्रा का जगह जगह स्वागत किया गया। शोभायात्रा का शुभारंभ पाड़ा मुहल्ला स्थित प्राचीन वाल्मीकि मंदिर व महात्मा सदानाथ आश्रम से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बिरजू पहलवान रहे जबकि अध्यक्षता नवीन कुमार उर्फ बंटी ने की। मुख्य अतिथि बिरजू ने भगवान वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्राचीन धार्मिक ग्रंथ रामायण में भगवान वाल्मीकि ने बताया है कि एक परिवार के प्रत्येक सदस्य की क्या-क्या जिम्मेदारियां होती है। एक राजा में अपनी प्रजा की भलाई के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन हमे सीख लेनी चाहिए। बिरजू ने कहा कि हमे भगवान वाल्मीकि के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर अनेक झाकियां भी निकाली गई। यह शोभायात्रा माता दरवाजा, बाबरा मुहल्ला होते हुए किला रोड के रास्ते मख्य बाजार से होते हुए भगवान वाल्मीकि चौक पहुंचे जहां से पुरानी सब्जी मंडी स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर में जाकर शोभायात्रा का समापन हुआ। इस अवसर पर राजेश बोहत, जितेंद्र वाल्मीकि, धर्मेंद, शम्मी, डा. संजय सारवान आदि मौजूद थे। इस अवसर पर पाड़ा मुहल्ला में रक्तदान शिविर भी लगाया गया। जिसमें 71 युवाओं ने रक्तदान किया। रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। उधर, शहर के अलावा कस्बों व गांवों में भी भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस हर्षाेल्लास से मनाया गया।

महर्षि वाल्मीकि के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत : बल्लू प्रधान

जागरण संवाददाता, रोहतक :

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान महर्षि वाल्मीकि के दिखाए मार्ग वर्तमान में चलने की सख्त जरूरत है। भाकियू नेता ने कहा कि संस्कृत के आदि कवि भगवान वाल्मीकि के दिखाए रास्ते पर चलने की प्रेरणा सभी को लेनी चाहिए। संत महात्मा किसी एक जाति के नहीं होते, बल्कि ये मानव कल्याण के लिए पृथ्वी पर आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इन तीन कृषि कानूनों को रद करके सभी फसलों पर एमएसपी रेट तय करना चाहिए। ताकि किसान सम्मान के साथ वापस घर लौट सकें।

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