किसान नरेश के लिए फायदे का सौदा बनी नींबू की खेती
जागरण संवाददाता रोहतक अनेक किसान अब गेहूं धान जैसी परंपरागत फसलों को छोड़कर बाग
जागरण संवाददाता, रोहतक :
अनेक किसान अब गेहूं, धान जैसी परंपरागत फसलों को छोड़कर बागवानी की ओर रुझान कर रहे हैं। रोहतक के गरणावठी गांव के किसान नरेश बड़क ऐसे ही किसान हैं जिन्होंने परंपरागत फसलें छोड़ कर बागवानी में रुझान दिखाया है। नरेश के मुताबिक उन्होंने गेहूं, धान आदि परंपरागत फसलों की बजाए बाग लगाया हुआ है। चार साल पहले उन्होंने बागवानी की ओर रुझान किया था। उन्होंने एक एकड़ में नींबू, एक एकड़ में बेर का बाग लगाया है। हालांकि बेर की फसल साल में एक बार लगती है। नींबू की फसल साल में दो बार फल दे रही है। जिनमें से अकेले नींबू से ही सालाना लाखों की आमदनी किसान कर सकते हैं। नरेश के मुताबिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अन्य किसान भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। वे अब अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हैं।
नरेश के मुताबिक उन्होंने नींबू की पैकिग करने का काम भी खुद ही संभाला हुआ है। 12वीं पास किसान नरेश कहा कहना है कि वर्तमान में उनको नींबू की फसल की बिक्री की कोई चिता नहीं है। अनेक लोग जहां बाग से ही नींबू खरीद कर ले जाते हैं तो वहीं मंडी में भी जाते ही उनके नींबू की बिक्री हो जाती है। नींबू के दाम भी बेहतर मिल रहे हैं। शाम को वे नींबू तोड़ लेते हैं जिनकी पैकिग कर रख लेते हैं और फिर मंडी में बिक्री के लिए भेज देते हैं। नरेश के प्रयासों की सराहना बागवानी विभाग के अधिकारी भी करते हैं।
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गरणावठी गांव के किसान नरेश बडक ने एक एकड़ में नींबू का बाग लगाया है। इसके अलावा अमरूद व बेर का बाग भी लगाया हुआ है। बागवानी के क्षेत्र में ये किसान बेहतर कार्य कर अन्य किसानों के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं। अन्य किसानों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढ़ाई चाहिए।
- नितेश भुक्कल, उद्यान विकास अधिकारी, बागवानी विभाग, रोहतक।