पराली जलाई तो होगी कानूनी कार्रवाई
पराली जलाकर प्रदूषण को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। अधिकारियों का साफ कहना है कि अगर कहीं पराली जलाकर प्रदूषण फैलाया गया कानूनी कार्रवाई होना तय है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : पराली जलाकर प्रदूषण को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। अधिकारियों का साफ कहना है कि अगर कहीं पराली जलाकर प्रदूषण फैलाया गया कानूनी कार्रवाई होना तय है। इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से स्थानीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही किसानों को पराली का उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। ताकि पराली जलाने के मामले सामने न आएं और किसान पराली से भी आमदनी बढ़ा सके। जिला में इस बार 59 हजार हेक्टेयर धान की रोपाई की गई है। धान के पौधों में दाना तैयार हो चला है और अगले महीने में यहां धान की कटाई होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में किसानों को अभी से ही जागरूक करने पर विभाग ने जोर दिया है। ताकि समय रहते पराली जलाने के मामलों को रोका जा सके।
पिछले सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो रोहतक में भी पराली जलाने वालों पर न केवल केस दर्ज किए जा चुके हैं बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया गया है।
किस साल कितने हुए केस दर्ज :
- 2017 में 18 केस दर्ज और 45 हजार रुपये जुर्माना लगाया
- 2018 में 16 किस दर्ज और 40 हजार रुपये जुर्माना लगाया
- 2019 में 11 केस दर्ज किए गए और कोर्ट केस चल रहे हैं।
- जिला में अभी तक किसी भी किसान को जेल नहीं हुई है। ये है विभाग का दावा :
- कृषि यंत्रों पर दी जा रही मोटी सब्सिडी
- गांव-गांव चलाए जागरुकता अभियान
- खंड स्तर पर भी कर रहे जागरुक
- जिला में सौ स्थानों पर वाल पेंटिग भी कराई। कोई भी किसान पराली को न जलाएं बल्कि पराली का सदुपयोग कर अपना मुनाफा बढ़ाएं। पराली जलाना नुकसानदायक है। पराली को खाद बनाने या चारे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
- डा. रोहताश सिंह, जिला कृषि उपनिदेशक, रोहतक