संसद में कानून रद्द और एमएसपी गारंटी का बिल लागू होना चाहिए : पूर्व मंत्री बतरा
तीन कृषि कानून वापस लेने के पीछे केंद्र सरकार की राजनीतिक मंशा रही है। उत्तर प्रदेश पंजाब व हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून वापस लेने की घोषणा की है। लेकिन जब तक संसद में कानून वापस नहीं हो जाते और एमएसपी की गारंटी का बिल नहीं आ जाता तब तक सरकार पर विश्वास नहीं किया जा सकता। यह बात पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष बतरा ने कही।
जागरण संवाददाता, रोहतक : तीन कृषि कानून वापस लेने के पीछे केंद्र सरकार की राजनीतिक मंशा रही है। उत्तर प्रदेश, पंजाब व हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून वापस लेने की घोषणा की है। लेकिन जब तक संसद में कानून वापस नहीं हो जाते और एमएसपी की गारंटी का बिल नहीं आ जाता, तब तक सरकार पर विश्वास नहीं किया जा सकता। यह बात पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष बतरा ने कही। वे शनिवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, अनिल सैनी व राजेश पुरखासिया मौजूद थे।
पूर्व मंत्री बतरा ने कहा कि किसान आंदोलन में कांग्रेस पार्टी पहले दिन से खड़ी है। किसानों के समर्थन में कांग्रेस का बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा कार्यकर्ता दिन-रात साथ रहा। केंद्र की भाजपा सरकार ने आखिरकार किसानों के संघर्ष के सामने झुकना पड़ा। यह किसान की शक्ति की जीत है। उन्होंने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नौकरियों में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसका ताजा उदाहरण हरियाणा लोक सेवा आयोग के अधिकारी से करोड़ों रुपये की रिश्वत पकड़ा जाना है। पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन में करीब 700 किसानों को जान की कुर्बानी देनी पड़ी। अगर सरकार समय रहते इन कानूनों को वापस ले लेती तो किसानों की कीमती जिदगी को बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि आंदोलन में जिन किसानों की जान गई, उनके परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में भी बड़े उलटफेर देखने को मिलेंगे। कांग्रेस पार्टी लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन संयुक्त किसान मोर्चा के साथ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन का नारा देने वाली गठबंधन सरकार में 27 बार पेपर लीक हुए हैं। नौकरियों की खुली बोली लगाई जा रही है। युवाओं के साथ धोखा हो रहा है। अपराध में प्रदेश अव्वल हो गया है।