जाट कालेज की पहलवान अंशु और सोनम कर चुकी हैं टोक्यो ओलंपिक का कोटा, दी बधाई

अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय में पढ़ने वाली दो महिला पहलवान अंशु मलिक (57 किग्रा) तथा सोनम मलिक (62 किग्रा) ने कजाखिस्तान के अल्माटी में एशियन ओलंपिक क्वालीफायर में अपने-अपने वजन वर्गों के फाइनल में पहुंचकर इस साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है। ये दोनों पहलवान जाट कालेज रोहतक में बीए की पढ़ाई कर रही हैं। जाट शिक्षण संस्थाओं में इस बात को लेकर खुशी की लहर है कि एक साथ कालेज की दो खिलाड़ी ओलंपिक में अपना दमखम दिखाकर मेडल जीतने का काम करेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:12 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 08:12 AM (IST)
जाट कालेज की पहलवान अंशु और सोनम कर चुकी हैं टोक्यो ओलंपिक का कोटा, दी बधाई
जाट कालेज की पहलवान अंशु और सोनम कर चुकी हैं टोक्यो ओलंपिक का कोटा, दी बधाई

जागरण संवाददाता, रोहतक : अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय में पढ़ने वाली दो महिला पहलवान अंशु मलिक (57 किग्रा) तथा सोनम मलिक (62 किग्रा) ने कजाखिस्तान के अल्माटी में एशियन ओलंपिक क्वालीफायर में अपने-अपने वजन वर्गों के फाइनल में पहुंचकर इस साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है। ये दोनों पहलवान जाट कालेज रोहतक में बीए की पढ़ाई कर रही हैं। जाट शिक्षण संस्थाओं में इस बात को लेकर खुशी की लहर है कि एक साथ कालेज की दो खिलाड़ी ओलंपिक में अपना दमखम दिखाकर मेडल जीतने का काम करेंगी। मंडल आयुक्त रोहतक एवं जाट शिक्षण संस्था की प्रशासक अनिता यादव (आईएएस) ने दोनों खिलाडि़यों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कालेज के शारीरिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों की इस मेहनत के लिए शुभकामनाएं दी। प्राचार्या डा. संगीता दलाल ने शुभकामनाएं देते हुए महिला खिलाडिय़ों के लिए प्रार्थना की कि वे अपने दमखम के बल पर ओलंपिक में मेडल जीतकर कालेज व देश प्रदेश के नाम को रोशन करेंगी। उन्होंने इस जीत के लिए कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्यों और खिलाडि़यों को बधाई भी दी। शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डा. सुखबीर सिधु ने भी ओलंपिक क्वालीफाइ पहलवानों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि सोनम मलिक सोनीपत की रहने वाली हैं वहीं अंशु मलिक जींद की निवासी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसंबर में बेलग्रेड में हुई कुश्ती विश्वकप प्रतियोगिता में अंशु ने देश के लिए रजत पदक जीता था। पहले से अच्छी तैयारी और विश्वकप में जीत के बाद अंशु मलिक के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने बताया कि अंशु मलिक के पिता धर्मबीर मलिक अपने जमाने के जाने माने पहलवान हैं। अंशु ने मात्र 11 साल क उम्र से ही अपने भाई अंकित से प्रेरित होकर कुश्ती की दुनिया में कदम रखा। अंशु मलिक के दादा वीर सिंह पूर्व अंतरराष्ट्रीय एथलीट हैं। ताऊ हरियाणा केसरी पवन कुमार साउथ एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान हैं।

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