हत्या मामले में हिद केसरी पहलवान सुरेश को मिली अंतरिम जमानत
जागरण संवाददाता रोहतक 1987 में हिद केसरी चुने गए अखाड़ा संचालक सुरेश पहलवान को अदातल से 20 दिन तक अंतरिम जमानत की राहत मिल गई है। आरोपित हत्या के मामले में छह माह से जेल में बंद था।
जागरण संवाददाता, रोहतक : 1987 में हिद केसरी चुने गए अखाड़ा संचालक सुरेश पहलवान को अदातल से 20 दिन तक अंतरिम जमानत की राहत मिल गई है। आरोपित हत्या के मामले में छह माह से जेल में बंद था।
आरोपित पक्ष के अधिवक्ता पियूष गक्खड़ ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएस नारंग की अदालत में अंतरिम जमानत के लिए दलीलें दी। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सुरेश पहलवान देश के जाने-जाने पहलवान रहे हैं। हिद केसरी भी चुने जा चुके हैं। वर्तमान में अखाड़ा चलाते हैं। देश के लिए एशियन गेम्स व अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व भी किया। उपनिदेशक पद से सेवानिवृत्ति मिली। लाइफ सर्टिफिकेट जमा न करवाने के चलते पेंशन रुकी गई है। हार्ट व स्पाइन की सर्जरी हो चुकी, इसलिए भागने का कोई औचित्य नहीं है। न्यायाधीश ने दलीलें सुनने के बाद आरोपित सुरेश पहलवान को 20 दिन तक अंतरिम जमानत दे दी। यह था मामला
गांव रिटौली के सूरजमल ने करीब 21 अक्टूबर 2020 को पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया कि उसका छोटा भाई शिव कुमार सुरेश पहलवान हिन्द केसरी के अखाड़े में अभ्यास करता था। वह सुरेश पहलवान के साथ जमीन खरीदने-बेचने का भी काम करता था। सुरेश को उसके भाई के बीस लाख रुपये देने थे। सुरेश पहलवान रुपये देने से मना करता था और उसे अक्सर धमकी देता रहता था। उनसे परेशान होकर शिव कुमार न्यू अग्रसेन कालोनी में अलग से कमरा लेकर रहता था। जहां सुरेश पहलवान व उसके बेटे सोमवीर व संजीव का आना जाना था। आरोप है कि तीनों ने मिलकर शिवकुमार की हत्या कर दी।