बच्चों की आंखें कमजोर होने के कारण तलाश रहा हेल्थ विश्वविद्यालय

विक्रम बनेटा रोहतक पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थित क्षेत्रीय नेत्र विज्ञ्‍

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:49 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:49 AM (IST)
बच्चों की आंखें कमजोर होने के कारण तलाश रहा हेल्थ विश्वविद्यालय
बच्चों की आंखें कमजोर होने के कारण तलाश रहा हेल्थ विश्वविद्यालय

विक्रम बनेटा, रोहतक

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थित क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान के चिकित्सक बच्चों की आंखें कमजोर होने के कारण की तलाश कर रहे हैं। छोटे बच्चों में चश्मे के चलन व बढ़ते नंबर को लेकर शोध किया जा रहा है। बच्चों में आंखें कमजोर होने के मामले लगातार संस्थान में पहुंचने लगे तो शोध को लेकर विचार किया गया है। शोध के बाद इंस्टीट्यूट की ओर से आंखों के रोगों को लेकर अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। शोध के बाद इन बीमारियों से बच्चों को दूर रखने दिशा में क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों की टीम कार्य करेगी।

1400 बच्चे शोध में शामिल

बच्चों की आंखों को लेकर हो रहे शोध में टीम ने 1400 बच्चों को शामिल किया है। क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान की टीम स्कूलों में पहुंच कर बच्चों का सैंपल ले रही है। अभी तक 1200 बच्चों का सैंपल लिया जा चुका है। करीब एक माह के दौरान शोध कार्य पूरा हो जाएगी व रिपोर्ट सबमिट हो जाएगी। उसके बाद संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक इसकी समीक्षा करेंगे।

प्रफोर्मा में शामिल हैं 25 से 30 सवाल

बच्चों पर होने वाले इस शोध कार्य के लिए तैयार किए गए प्रफोर्मा में 25 से 30 सवालों को शामिल किया गया है। शोध कार्य में पांच से 15 साल के बच्चों को शामिल किया गया है। बच्चों पर होने वाले शोध में निजी व राजकीय दोनों तरह के स्कूलों बच्चों को शामिल किया गया है।

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कुछ सालों में बच्चों की आंखें कमजोर होती जा रही हैं। बच्चों में चश्मे का नंबर बढ़ रहा है। इसमें आनलाइन पढ़ाई, गेमिग, मोबाइल व टीवी का अत्यधिक प्रयोग कारण हैं। लेकिन कितना नुकसान किस वजह होता है, जैसे सवालों के जवाब को लेकर शोध चल रहा है। शोध पूरा होने पर बच्चों के लिए भविष्य की प्लानिग बनेगी।

डा. आरएस चौहान, अध्यक्ष, क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान, पीजीआइ।

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