हरियाणवी बेटियों के पंच से प्रतिद्वंद्वी हो रहे धराशायी

पोलैंड में आयोजित यूथ व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में हरियाणवी बॉक्सरों के पंचों के सामने प्रतिद्वंद्वी धराशायी हो रहे हैं। प्रदेश की तीन बेटियों ने अपने आक्रमक खेल से अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 08:35 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 08:35 AM (IST)
हरियाणवी बेटियों के पंच से प्रतिद्वंद्वी हो रहे धराशायी
हरियाणवी बेटियों के पंच से प्रतिद्वंद्वी हो रहे धराशायी

जागरण संवाददाता, रोहतक :

पोलैंड में आयोजित यूथ व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में हरियाणवी बॉक्सरों के पंचों के सामने प्रतिद्वंद्वी धराशायी हो रहे हैं। प्रदेश की तीन बेटियों ने अपने आक्रमक खेल से अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। खास बात यह है कि प्रतिद्वंद्वी तीन राउंड से पहले ही रिग से बाहर हो रहे हैं। इसी तरह पुरुष वर्ग में सुमित ने भी दमदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइल में जगह बना ली है।

रोहतक के रिठाल गांव की गीतिका नरवाल ने पहले दौर के मैच में रूस की बॉक्सर को 5-0 के अंतर से हराया। इससे पहले हिसार की पूनम पूनिया ने 57 किग्रा में हंगरी की बॉक्सर को पहले राउंड में ही मैच छोड़ने पर मजबूर कर दिया। रेफरी ने दमदार पंचों को देखते हुए मैच बीच में ही रोकना पड़ा। इसके बाद पानीपत की विका ने 60 किग्रा में अपने बेहतर प्रदर्शन के चलते प्रतिद्वंद्वी को दूसरे राउंड में मुकाबले से बाहर कर दिया। तीन राउंड भी पूरे नहीं हुए। हरियाणा की तीनों महिला बॉक्सरों के आक्रमक खेल को देखने के बाद जींद के सुमित कुंडू कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने वीरवार देर रात हुए मुकाबले में वेंजुएला के बॉक्सर राफेल एंटोनिया को हराकर अगले दौर में प्रवेश किया। सुमित ने प्रतिद्वंद्वी पर मुक्कों की इतनी बरसात कर दी कि रैफरी ने दूसरे राउंड में ही मैच को रोकना पड़ा। हरियाणवी बॉक्सर के प्रहारों को देखते हुए शुक्रवार को हुए मणिपुर की बॉक्सर बॉबीरोजीसाना चानू ने 51 किग्रा में इस्तोनिया की बॉक्सर को दूसरे राउंड में ही रिग से बाहर कर दिया।

विकास की हार से आक्रमक हुए बॉक्सर

हरियाणा बॉक्सिग एसोसिएशन के प्रवक्ता एडवोकेट राजनारायण पंघाल ने बताया कि पोलैंड में यूथ व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय बॉक्सर बेहतर प्रदर्शन रहे हैं। लेकिन यहां पर भारतीय बॉक्सर विकास की हार हो गई। भारतीय बॉक्सर उनकी हार नहीं मान रहे थे क्योंकि अंकों में कुछ संशय था। इसलिए प्रशिक्षकों ने बॉक्सर को आक्रामक रूप से खेलने की सलाह दी ताकि प्रतिद्वंद्वी को कोई मौका ही नहीं मिल सके। यही कारण है कि भारतीय बॉक्सर तीन राउंड के मुकाबले में पहले या दूसरे में ही प्रतिद्वंद्वियों को रिग से बाहर कर रहे हैं।

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