निश्शुल्क कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन
संवाद सहयोगी कलानौर आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत गांव काहनौर
संवाद सहयोगी, कलानौर : आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत गांव काहनौर में निशुल्क कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रोहतक की ओर से पीड़ित को मुआवजा के संबध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी अपराध में दोषी को स•ा की बात तो सब जानते हैं लेकिन आज भी पीड़ित को मुआवजे की जानकारी से बहुत से लोग अनभिज्ञ हैं। भारतीय संविधान कहता है कि नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करना हर राज्य की जिम्मेदारी है। कानूनी तौर पर सरकार भी नैतिक और सामाजिक आधार पर भी पीड़ित की रक्षा करने और उनका पुनर्वास करने को बाध्य है। इसलिए सीआरपीसी की धारा 357ए बनाए जाने के बाद राज्यों में भी पीड़ित मुआवजा स्कीम बनाई गई। ट्रायल कोर्ट को यह अधिकार है कि वह फौजदारी केसों में सजा सुनाते वक्त धारा 357 के तहत पीड़ित या उसके परिवार को मुआवजा देने का आदेश दे सकती है। यह रकम जुर्माने के तौर पर भी मुजरिम से वसूल कर पीड़ित या उसके परिवार को दी जा सकती है। सन 2009 में सीआरपीसी की धारा 357ए का प्रावधान किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों को हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित विभिन्न कानूनों से संबधित पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रोहतक की ओर से पीएलवी माया देवी, सरपंच अमित कादियान, साहिल व ग्रामीण उपस्थित रहे।